आजकल लांग ड्राइव का जमाना है। वीकेंड पर भी लोग लंबी दूरी पर निकल जाते हैं। फिर चौमासे में मौसम भी सुहाना हो जाता है। यदि डबल होकर बाल बच्चे वाले हैं, तो उन्हें सफर पर जरूर ले जाएं, लेकिन ऐसे ध्यान रखें।
जब भी आप ट्रेन से सफर करने का प्लान बनाएं, तो कोशिश करें कि सफर दिन का हो। इससे आपका बच्चा ज्यादा सहज महसूस करेगा। बच्चे को बीच-बीच में टहलाती रहें।
अगर आप किसी गर्म जलवायु वाली जगह जा रही हैं, तो कोशिश करें कि बच्चे के कपड़े मुलायम और हल्के हों।
गर्मी और पसीने से बच्चों को दूर रखने के लिए दिन में कम से कम तीन बार उसके कपड़े बदलें। गोल घेरे की टोपी लगाएं, जिससे बच्चे का सिर और चेहरा धूप से बच पाए।
अगर आप किसी हिल स्टेशन पर जा रही हैं, तो बच्चों के कपड़े ज्यादा ले जाने होंगे। बड़ों के मुकाबले बच्चों को ज्यादा सर्दी लगती है। वैसे भी सर्दियों में कपड़े जल्दी नहीं सूखते, इसलिए बच्चों के कपड़े में कोई कोताही न बरतें। अलग से पेपर और पैकेट रखें, जिसमें आप गंदे कपड़ें को इकट्टा कर सकें।
वैसे तो एक मां से ज्यादा बच्चों की परेशानियों को और कोई नहीं समझ सकता, लेकिन सफर के दौरान बच्चे के डॉक्टर का नंबर जरूर साथ रखें।
मौसम बदलने से या जगह बदलने से अकसर बच्चों को सर्दी हो जाती है। खांसी, सर्दी, दस्त की दवाएं साथ ले जाना न भूलें।
रैश क्रीम जेल ले जाएं। मौसम बदलने से बच्चे को एलर्जी होने का डर रहता है। कमरे से बाहर निकलने से पहले बच्चे के चेहरे और हाथ पर हल्का-सा सन्स्क्रीन जरूर लगाएं।
कार से सफर के दौरान बच्चे को पीछे की सीट दें।
कार की खिड़कियां खोलने से पहले एक बार देख लें कि कहीं आपके बच्चे की आंखों में चुभने वाली धूप या हवा तो नहीं आ रही।