मां अपार क्षमतावान है, जिन्हें उसे दर्शाना नहीं, बल्कि जीना होता है। क्या पुरुष दो जून की रोटी कमाने के बाद शाम को परिजनों के लिए खाना पका सकता है?, सुबह बच्चों को स्कूल के लिए तैयार कर सकता है?, घर में सुई कहां रखी है, यह भी उसे ही पता होता है। वह अपने परिवार के साथ संस्थान की आशाओं पर इसलिए खरी उतरती है, क्योंकि वह पुरुष की तुलना में छह गुना ज्यादा सोच सकती है, छह गुना ज्यादा काम कर सकती है, छह गुना ज्यादा ताकतवर होती है।
जानकारी
गर्भधारण के साथ ही महिलाओं के लिए कॅरियर संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है. वजन बढ़ना, सूजन, उल्टियां और न जाने कितनी स्वास्थ्य समस्याएं लगी रहती हैं। ऐसे में अपनी संस्था, कंपनी या नौकरी देने वाले को अपनी कठिनाईयों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
जिम्मेदारी
कंपनी और अपने बॉस को जानकारी देना इसलिए भी जरूरी है, ताकि वह समय रहते आपके लिए छुट्टियों की योजना बना सके और यह भी सोच सके कि उस दौरान काम कैसे चलाना है। ध्यान रखें कि जिस तरह कंपनी की आपके प्रति कुछ जिम्मेदारी है, आप की भी उसके हित के प्रति जवाबदेही है।
रेस में बने रहें
दुनिया की 500 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रमुकों में केवल 21 महिलाएं हैं और विश्व के 197 राष्ट्रप्रमुखों में केवल 22 महिलाएं. किसी भी क्षेत्र में टॉप स्तर पर इतनी कम महिलाओं के होने का कारण महिलाओं का इस रेस से बहुत जल्दी बाहर होना है, जो कि सबसे अधिक मां बनने के कारण होता है।
रोड़े हटाना
कामकाजी महिलाओं के जीवन में कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवरोध आते हैं। गहरे बसे लैंगिक भेदभाव से लेकर यौन उत्पीड़न तक। ऐसे में घबरा कर रेस छोड़ देने के बजाए इन रोड़ों को बहादुरी से हटाते हुए आगे बढ़ने का रवैया रखें। अमेरिकी रिसर्च दिखाते हैं कि पुरुषों को उनकी क्षमता जबकि महिलाओं को उनकी पूर्व उपलब्धियों के आधार पर प्रमोशन मिलते हैं।
सपोर्ट नेटवर्क
एक ओर बाहर के रोड़ हैं तो दूसरी ओर कई महिलाएं अपने मन की बेड़ियों में कैद होती हैं। समाज की उनसे अपेक्षाओं का बोझ इतना बढ़ जाता है कि वे अपनी उम्मीदें और महात्वाकांक्षाएं कम कर लेती हैं।
आंतरिक प्रेरणा के अलावा अपने आस पास ऐसे प्रेरणादायी लोगों का एक सपोर्ट नेटवर्क बनाएं जो मातृत्व, परिवार और करियर की तिहरी जिम्मेदारी को निभाने में आपका संबल बनें।
पार्टनर की भूमिका
कामकाजी मांओं के साथ साथ उनके पति या पार्टनर को भी घर के कामकाज में बराबर का योगदान देना चाहिए। परिवार को समझना चाहिए कि महिला के लंबे समय तक वर्कफोर्स में बने रहने से पूरा परिवार लाभान्वित होता है। अपनी पूरी क्षमता और समर्पण भाव के साथ किया गया काम हर महिला की सफलता सुनिश्चित कर सकता है। जरूरत है बस रेस पूरी करने की।