बदलते दौर में अब न सिर्फ समाज में खुलापन आया है कि लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन आया है। अब भारतीय युवाओं को नैतिक या सामाजिक बंधन से बांधना आसान नहीं क्योंकि वे अपने अच्छे बुरे की समझ रखते है। विवाह पूर्व सेक्स संंबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनसिप में रहना, युवाओं को इस पर अधिक सोच-विचार की आवश्यकता नहीं। एक समय था जब विवाह से पूर्व सेक्स करने के बारे में सोचना भी गलत माना जाता था लेकिन आज तमाम सर्वें पर नजर ड़ालें तो आजकल न सिर्फ युवा बल्कि किशोर-किशोरियों को भी कम उम्र में सेक्स करने से कोई परहेज नहीं है।
- हालांकि विवाहपूर्व सेक्स संबंधोंको अब भी अनुचित माना जाता है, लेकिन युवा वर्ग की सोच इससे एकदम विपरीत है। वे विवाह पूर्व सेक्स को उचित-अनुचित श्रेणी में नहीं देखतें।
- आज का युवावर्ग, लिव इन रिलेशनशिप और विवाह पूर्व सेक्स का सही ठहरा रहे है, वे असल में स्वच्छंदता और स्वतंत्रता के साथ जीना चाहते है। वे हर उस आचरण को बंदिश मानते है, जिसमें किसी अनुशासन, संयम या बंधन का प्रावधान हो।
- आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि विवाहपूर्व सेक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं होते है। यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते है। तो इससे शारीरिक विकास पर असर पड़ता है। इसके साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
- विवाहपूर्व सेक्स करने से कई यौन संबंधों बीमारियों जैसे एचआईवी एड्स या किसी प्रकार का संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
- विवाह पूर्व सेक्स संबंधों में सावधानी न बरती जाएं तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बराबर बना रहता है, इससे मानसिक तनाव भी हो सकता है।
- भारतीय युवाओं को आज के समय में लिव इन में रहने में कोई परेशानी नहीं, ऐसे में उनमें शारीरिक संबंध बनाना भी आम बात हो गई।
- कई बार जब इन संबंधों में दरार पड़ जाती है, तो दोनों पक्षों को ही मानसिक आघात पहुंचता है। ऐसे में सामाजिक-नैतिक बंधनों के चलते।
- विवाह पूर्व सेक्स संबंधों बनाने की शर्म, अविश्वास, तनाव तथा एक- दूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कराक मुख्य भूमिका निभाते है।