19 Apr 2024, 16:38:27 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मनुष्यों में वृद्धावस्था, मनौवैज्ञानिक, शारीरिक और सामाजिक परिवर्तन की एक बहुआयामी प्रक्रिया माना जाता है। और कोई बुढ़ापे के परिवर्तन से बच नहीं पाता है। एक औरत जैसे रजोनिवृत्ति के करीब पहुंचती है। उसको कुछ बदलाव का सामना करना पड़ता है। जो उसके सेक्स जीवन का प्रभावित करते है। नीचे सूची में कुछ मुद्दे दिए है, जो प्राढ़ उम्र महिला के सेक्स जीवन को कैसे बदल सकती है।

रजोनिवृत्ति के साथ, महिला के शरीर में एस्ट्रोजन उत्पादन घट जाता है, जो उसकी  सेक्स की इच्छा काफी कम कर देता है। इसके साथ ही एक महिला के प्रजनन अंग सामान्य मोटाई से दोगूना सिकुड जाते है जिससे योनि में भी संकुचन आकर शरीरिक परिवर्तन भी होता है। ज्यादातर महिलाओं को योनि ऊतकों में लोच की कमी का अनुभव होता है और स्नेहन की कमी और सूखापन का अनुभव होता है।


प्रौढ़ उम्र के कारण कामोन्माद में देरी या पूर्ण विफलता पैदा हो सकती है। यह कामोन्माद को कम हर्षित कर सकता है। हालांकि, आपको यह ध्यान में रखना है कि एक महिला रजोनिवृत्ति तक पहुंचने के बाद भी भगशेफ की संवेदनशील कायम रहती है।

रजोनिवृत्ति में पहुंचने वाली महिलाओं की हड्डियां कमजोर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कमजोर दिल विकसित हो सकती है। ऐसा होता क्योंकि महावारी शरीर रूप से कार्य करने कि लिए लगभग 50 वर्षो तक मदद करती है। और अचनाक उसमें ठहराव शरीर को कामकात में असंतुलन का कारण बनता है। गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां सेक्स के लिए महिला की इच्छा के साथ हस्तक्षेप कर सकती है।

गर्भाशयोच्छेदन और स्तन कैंसर के कारण स्तन हटाना जैसे अन्य कारकों से औरत की सेक्स की इच्छा में एक भारी नुकसान हो सकता है। उसे अधिक थकावट महसूस होती है, जिसका कारण अस्थिर हार्मोंन होते है, जो उसकी सेक्स की इच्छा को कम करत है।


कुछ महिलाएं रजोनिवृत्ति अवस्था का मानसिक रूप से सामना करने में असमर्थ रहती है। और यह प्रौढ़ उम्र की महिला के यौन जीवन को बदलने में सबसे बड़ा योगदान कारक बन जाता है। इस समय के दौरान उसको तनावमुक्त रहना और परिवर्तन के दौर से गुजर रहे शरीर के साथ सहज महसूस करना सीखना चाहिए। यदि जरूरत हो तो वह चिकित्सा परामर्श ले सकती है।

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