नई दिल्ली। आमतौर भारतीय समाज में सेक्स पर बात करना अपराध जैसा है. घर तो घर स्कूलों में भी सेक्स एजुकेशन दिए जाने को लेकर सरकारें अनाकानी करती हैं। भले ही सरकार का सेक्स एजुकेशन पर कोई स्टैंड तय नहीं हो लेकिन देश के बच्चे कहीं आगे निकल आए हैं। हालांकि भारत में 18 साल से पहले सेक्स करना अपराध की श्रेणी में आता है।
सर्वे के मुताबिक 14 साल की उम्र में ही शारीरिक संबंध बना लेते है शहरी बच्चे। बीते चार सालों में किशोरों में यौन रोगों में 4.9 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। यह आंकड़ा पहले से ज्यादा है। देश के 20 शहर जिसमे मेट्रो भी शामिल है 13 से 19 साल की उम्र के 15 हजार बच्चों से इंटरव्यू के आधार पर किए गए सर्वे के मुताबिक करीब 8.9 फीसदी बच्चों को एक न एक बार यौन संक्रामक रोग का कभी न कभी सामना किया है।
ई-हेल्थकेयर कंपनी मेडीऐंगल्स के डॉक्टर देबराज शोम के मुताबिक, 'यह चिंताजनक बात है कि किशोर अवस्था के बच्चों में 2011-12 की तुलना में यौन संक्रामक रोगों में करीब दोगुने का इजाफा हुआ है।' सर्वे में शामिल 6.5 लड़कों और 1.3 लड़कियों ने माना कि उन्होंने कम से कम एक बार तो शारीरिक संबंध तो बनाए ही हैं। सर्वे के मुताबिक लड़कों के लिए शारीरिक संबंध बनाने की औसत आयु जहां 15.25 थी, वहीं लड़कियों के लिए यह उम्र 16.66 थी।
2006 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक 15 से 24 साल के यंगस्टर्स में से तमाम ऐसे हैं, जो सेक्सुअल रिलेशन बना लेते हैं. ऐसे यंगस्टर्स में से 15 से 22 फीसदी लड़के थे, जबकि 1 से 6 फीसदी लड़कियों ने किशोर अवस्था में शारीरिक संबंध बना लिए थे।