रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जन्म और मृत्यु का समय तय होता है लेकिन इन दिनों लोग अपनी सुविधा और पसंदीदा दिन व समय का ध्यान रख रहे है। महिलाएं स्वंय ही दर्द से बचने के लिए पसंदीदा दिन समय और मुहूर्त में सीजर डिलीवरी करवा रही है। शासकीस अस्पताल ज्यादातर सीजर से बचते है इसलिए इन दिनों निजी अस्पतालों की ओर ज्यादा रूख हो रहा है। गायनेकोलॉजिस्ट का कहना है कि लोग डिलीवरी के लिए शुभ दिन और शुभ मुहूर्त का ध्यान रख रहे है। पहले से ही वे पंडितों से पूछताछ कर लेते हैं और उसके आधार पर ही चिकित्सकों से संपर्क करते हैं। इसके साथ ही दूसरा बड़ा कारण तो यह है कि महिलाएं भी दर्द से बचना चाहती हैं।
विश्व योग दिवस के दिन बच्ची को जन्म देने वाली गीता सोनी पति पंकज सोनी ने बताया कि डॉक्टर ने पहले से 20 से 23 जून के बीच का समय दिया था। विश्व योग दिवस का दिन था तो उन्होंने इसी दिन सीजर डिलीवरी के लिए कहा। गीता सोनी पहले से ही पेन से काफी डरी हुई थी। इसके अलावा शुभ दिन में ही डिलीवरी चाहिए थी इसलिए उन्होंने पहले ही तय कर लिया था कि सीजर डिलीवरी करानी है। नॉर्मल डिलीवरी से पैदा हुए बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है इसलिए सीजर डिलीवरी का फैसला सोच-समझकर लेना चाहिए।