आईजॉल। मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के नेता जोरामथांगा ने मिजोरम के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल के. राजशेखरन ने जोरामथांगा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। एमएनएफ अध्यक्ष ने मिजो भाषा में शपथ ली। विधानसभा चुनावों में एमएनएफ ने कांग्रेस को हराया जो कि मिजोरम में ललथनहवला के नेतृत्व में 10 साल से सत्ता में थी। कांग्रेस को यहां 40 में केवल 5 सीटें मिली हैं। जबकि 26 सीट जीतने वाले एनएनएफ के नेता जोरामथांगा का मुख्यमंत्री के रूप में ये दूसरा कार्यकाल है, वे 1998 से 2008 तक राज्य की कमान संभाल चुके हैं।
एमएनएफ ने 26 सीटें जीतीं, जबकि जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM), ने पिछले साल गठित गैर-कांग्रेस, गैर-एमएनएफ पार्टियों का गठबंधन बनाया, जिसने 8 सीटें जीतीं। अब राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी है और मुख्य विपक्षी दल है। कांग्रेस तीसरे स्थान पर है। यहां बीजेपी को सिर्फ एक सीट मिली। परिणामों के बाद जोरामथांगा ने कहा, 'मैंने भविष्यवाणी की थी कि हम 25-30 सीटों के बीच जीतेंगे। और मैंने यह भी कहा था कि कांग्रेस 10 से नीचे आ सकती है। हम 10 साल बाद वापस आ गए हैं। हम आसानी से सरकार बना सकते हैं।'
एमएनएफ का गठन 1961 में लाल्डेंगा के नेतृत्व में हुआ था, जिसने 1966 में भारतीय राज्य के खिलाफ मिजो विद्रोह का नेतृत्व किया था। दो दशकों तक संगठन ने संघर्ष किया। 1986 में एमएनएफ ने ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। जोरामथांगा लाल्डेंगा के करीबी सहयोगी थे और 1990 में लाल्डेंगा की मृत्यु के बाद एमएनएफ का प्रभार संभाला।