बीकानेर। राजस्थान में गंगानगर की भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो की विशेष अदालत ने रिश्वत लेने के करीब नौ वर्ष पुराने मामले में तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक को रिश्वत लेने के आरोप में आज दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। ब्यूरो की विशेष अदालत ने हनुमानगढ़ के संगरिया में उप पंजीयन कार्यालय में तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक एवं पेशकार गणपतराम बावरी को 46 सौ रुपए की रिश्वत लेने का दोषी मानते हुए उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी किया। अदालत ने एक अन्य धारा के तहत भी दोषी माना और इतनी ही सजा अलग से सुनाई। मामले के अनुसार हनुमानगढ़ जिले के संगरिया में 20 अक्टूबर 2009 को गणपतराम बावरी ने परिवादी कृष्णलाल अग्रवाल से 4600 रुपए की रिश्वत ली थी।