सहारनपुर। देश में मधुमेह रोगियों की बढती तादाद पर चिंता जताते हुए चिकित्सकों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने वाली इस मर्ज पर अंकुश लगाने के लिये दिनचर्या और खानपान के अलावा नियमित योग पर बल दिया है। एच एन बी राजकीय पी जी कालेज खटीमा उधमनगर मे कार्यरत डा कंचन जोशी बुधवार को यूनीवार्ता से कहा कि मधुमेह आज पूरे विश्व मे चिन्ता का सबब बना हुआ है। अकेले भारत मे अभी तक मधुमेह रोगियों की संख्या लगभग पांच करोड आंकी गई है।
यदि मधुमेह के प्रति लोग सजग नही हुए तो वह दिन दूर नही जब भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या सबसे अधिक होगी। योग में पीएचडी कर चुकी डा जोशी ने कहा कि आहार विहार , संयमित जीवन, योग, प्राणायाम और ध्यान के अभ्यास से मधुमेह के रोग को नियंत्रण करने के साथ साथ पूरी तरह से मुक्त हुआ जा सकता है। उन्होंने बताया कि मधुमेह एक मेटाबोलिक रोग है जिसमें पैन्क्रियाज ग्रंथि के द्वारा स्रावित इन्सुलिन की मात्रा परिणात्मक एवं गुणात्मक रूप से कम हो जाती है
जिसके कारण शरीर के कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज का सही उपयोग नही हो पाता है। इस वजह से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढने लगती है। एक सीमा के बाद ग्लूकोज मूत्र द्वारा बाहर निकलने लगता है। इसी अवस्था को डायबिटीज कहते है। यह रोग पैतृक कारणों , तनाव ग्रस्त जीवन, मोटापे, व्यायाम की कमी, आरामदायक जीवन शैली, हर समय कुछ न कुछ खाते रहने , अधिक निद्रा आदि कारणो से होता है।