वाराणसी। उत्तर प्रदेश में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की विधि चिकित्सा विज्ञान संस्था में परीक्षण के बाद 17 वर्षों से सुरक्षित रखे गए वाराणसी के 2802 मृतकों के बिसरे (शव के हिस्से) नष्ट करने का काम शुरु कर दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर0 के0 भारद्वाज की पहल पर जिला अधिकारी योगश्वर राम मिश्र द्वारा गठित एक टीम की देखरेख में बिसरों को नष्ट करने का काम किया जा रहा है, जिसे जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर 2001 से 28 मई 2017 के दौरान हुई 2803 लोगों की मौतों की वजह जानने के लिए बिसरे सुरक्षित रखे गए थे, जिनका परीक्षण का कार्य काफी पहले पूरा हो गया है। इसके बाद भी उन्हें सुरक्षित रखा गया था। उन्होंने बताया कि बिसरों को 16830 जारों में सुरक्षित रखा गया था। भारद्वाज ने बताया कि वाराणसी के विभिन्न थाना क्षेत्रों में कुल 2803 लोगों की अकाल मृत्यु के बाद परीक्षण के लिए बिसरे लिये गए थे। इन में एक को छोड़कर सभी को नष्ट करने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मनोज राम की पत्नी ममता देवी का बिसरा सुरक्षित रखा जाएगा।