जयपुर। गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने स्वीकार किया कि वर्ष 2015 में प्रदेश के तीन किसानों ने आत्महत्या की थी। कटारिया ने कांग्रेस पर किसानों के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुये कहा कि राजस्थान में वर्ष 2015 में तीन किसानों के आत्महत्या करने की पुष्टि हुयी थी इसके अलावा अभी तक कर्जे के कारण किसी भी किसान के आत्महत्या करने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2009 से 2013 तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों के आत्महत्या करने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। राजस्थान का किसान बहुत मेहनती है और सदैव कायराना हरकतों से दूर रहता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1952 से प्रदेश में अनेक बार भयावह अकाल पड़ा जिसमें किसानों ने धैर्य नहीं खोया ऐसे में कर्जे के कारण किसान द्वारा आत्महत्या करने की बात कहना बेमानी है।
---1977 में पहली बार दी गई थी किसानों को सुविधा
मंत्री कटारिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में प्रदेश के किसानों को अधिकाधिक लाभान्वित किया गया। उन्होंने कहा कि 1977 में राजस्थान में पहली बार भैरासिंह शेखवत शासन काल में किसानों के कर माफ किये गये एवं लेवी माफ की गयी और पहली बार 50 हजार रूपये तक के सहकारी ऋणों को माफ किया गया। नीति आयोग द्वारा देश के पिछड़ने में राजस्थान को भी जिम्मेदार ठहराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान ने कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है जिसके कारण केन्द्र ने कई बार सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग का राज्यों के विकास के बारे में आंकलन करने के मापदंड अलग हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि इसके बावजूद स्वास्थ्य, चिकित्सा ऐसे क्षेत्र है जहां प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में पीछे है।
निजी सुरक्षा एजेंसियों को 25 प्रतिशत होमगार्डों को नियुक्ति देने के संबंध में उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार का यह मानना है कि प्रशिक्षित होमगार्ड के जवानों को नौकरियां आसानी से मिले इसलिये निजी एजेंसियों को यह निर्देश दिया गया है। इसी तरह इन एजेंसियों को अपने कर्मचारियों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में जल्दी ही नियम बनाये जाएंगे।