मुजफ्फरपुर। लाल, मीठी और रसीली लीचियों के लिए मशहूर मुजफ्फरपुर इस बार देश-दुनिया के लोगों को अपने लाजवाब स्वाद एवं रस से तृप्त करायेगा या तरसायेगा यह तो मौसम के मिजाज पर निर्भर करेगा लेकिन पेड़ों पर लगे मंजर को देखकर अच्छी पैदावार की उम्मीद जरूर की जा सकती है।
लीचियों का राजा कही जाने वाली 'शाही लीची' के लिए मशहूर मुजफ्फरपुर के साथ ही पूर्वी चंपारण, मधुबनी एवं बेगूसराय के बाग-बागीचों में पेड़ पर लगे मंजर को देख आशा बंधती है कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो इस बार लीची की अच्छी फसल होगी। इससे किसानों के साथ ही व्यापारियों की आमदनी भी बढ़ेगी।
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, मुसहरी के निदेशक डॉ. विशाल नाथ लीची के पेड़ों पर लगे फूलों ( मंजर) को देखकर आशान्वित हैं कि असमय प्रचंड धूप, तेज पछुआ हवा, आंधी-तूफान और ओले तथा कीटों के कहर से बच जाने पर इस बार लीची की फसल अच्छी होगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बिहार में लीची का उत्पादन तीन लाख टन से अधिक होने का अनुमान है।