पटना। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिये जाने से नाराज तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद इस मसले को लेकर बिहार की मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार जारी हमलों पर पलटवार करते हुए सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने आज कहा कि प्रदेश में सत्ता में आने के बाद से ही पार्टी ने इसे लेकर संघर्ष किया है और आगे भी इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने यहां कहा कि उनकी पार्टी साल 2005 में राज्य की सत्ता में आने के बाद से ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करती रही है और आगे भी करते रहेगी। यह उन लोगों के लिए नई मांग हो सकती है,
जिन्हें अब इसमें राजनीति फायदा नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए भ्रष्टाचार के मामले में सजा काट रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी जेल से ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की याद आ रही है, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि उनकी पार्टी इसके लिए अब तक क्या किया है। कुमार ने सवालिया लहजे में कहा राजद जब केंद्र और राज्य की सत्ता में थी, तब तो वे अपनी संपत्ति बनाने में लगे रहे और जब दोनों जगहों से लोगों ने उनसे सत्ता छीन, जेल पहुंचा दिया तब उन्हें बिहार के भलाई की याद आ रही है।
कुमार ने कहा कि बिहार में सत्ता में आते ही साल 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को लेकर ज्ञापन भेजा था। इसे लेकर बिहार विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करवाया गया। राज्य को विशेष दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने 17 मार्च 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिकार रैली की तथा बिहार के एक करोड़ 25 लाख लोगों के हस्ताक्षरयुक्त आवेदन पत्र केंद्र सरकार को सौंपा।