नई दिल्ली। त्रिपुरा में एक विद्यालय के प्रधानाचार्य तथा शिक्षक की लापरवाही की वजह से राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट)में नहीं बैठ पाये 15 छात्रों को राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग की सिफारिश पर दो-दो लाख रुपए की राशि दी गई है। इन छात्रों को 2018 में होने वाली नीट परीक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग भी उपलब्ध करायी जा रही है। आयोग को शिकायत मिली थी कि त्रिपुरा सरकार के खुमुल्वंग स्थित एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल में प्रधानाचार्य तथा एक शिक्षक की लापरवाही के कारण
आदिवासी समुदाय के15 छात्रों को नीट परीक्षा से वंचित होना पड़ा है। इसकी जांच से सामने आया कि प्रधानाचार्य तथा शिक्षक ने इन छात्रों के ऑनलाइन फॉर्म भर दिए थे लेकिन समय पर परीक्षा शुल्क जमा नहीं किया जिसके कारण वे परीक्षा में नहीं बैठ पाये। राज्य सरकार ने आयोग को सूचित किया था कि संबंधित प्रधानाचार्य तथा शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरु की गई है
और इन छात्रों को नीट की अगली परीक्षा के लिए कोचिंग दी जा रही है। आयोग ने इस पर कहा कि यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है और छात्रों का एक पूरा साल खराब होने के मद्देनजर उन्हें दो -दो लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी जानी चाहिए। इस पर राज्य सरकार ने छात्रों को यह राशि प्रदान की और इस बारे में आयोग को सूचित किया है।