कोलकत्ता। पश्चिम बंगाल, खासकर कोलकत्ता की दुर्गापूजा विश्वविख्यात है। इस बार एक दुर्गा मूर्ति ऐसी है, जो 22 किलोग्राम सोने से तैयार साड़ी से सुशोभित होगी। शनिवार शाम संतोष मित्रा स्क्वॉयर की दुर्गा मूर्ति को सोने की साड़ी पहनाई गई। पूजा पंडाल का उद्घाटन रविवार को होगा। पंडाल व मूर्ति पूरी तरह तैयार हो चुकी है। छह करोड़ रुपए की लागत वाली इस सोने की साड़ी को मशहूर फैशन डिजाइनर अग्निमित्रा पॉल ने तैयार किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कोलकत्ता को लंदन बनाने के सपने को यहां मूर्त रूप दिया गया है। यहां लंदन का बिग बेन, लंदन आई, बकिंघम पैलेस, लंदन ब्रिज और मैडम तुसाद म्यूजियम भी दिखेगा। लाइट बिलकुल लंदन की तर्ज पर सजाई गई हैं।
मोहम्मद अली पार्क का दुर्गा पूजा पंडाल इस वर्ष विवादों में है। वहां डॉक्टर को महिषासुर के रूप में दिखाया गया है। इसे लेकर डॉक्टरों के संगठन ने आपत्ति जताते हुए अदालत जाने की चेतावनी दी है। शुक्रवार को मूर्ति पर चढ़ा कवर हटाने पर यह सामने आया। तस्वीर मीडिया में आने के बाद डॉक्टरों की ओर से इसकी आलोचना होनी शुरू हो गई।
डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की पश्चिम बंगाल शाखा के मुताबिक, ऐसी मूर्ति से समाज में डॉक्टरी के पेशे को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। पूजा आयोजकों को डॉक्टरों से बिना शर्त माफी भी मांगनी होगी।
पूजा कमेटी ने विवादित मूर्ति को हटाने का फैसला लिया है। शनिवार सुबह मूर्ति को पर्दे से ढंक दिया गया और उस पर बोर्ड लगा दिया गया, जिसमें लिखा था कि असुर रूपी फर्जी डॉक्टरों के प्रति घृणा और असली डॉक्टरों के प्रति श्रद्धा। पूजा कमेटी के सदस्य संदीप शर्मा ने बताया कि गोरखपुर में शिशु मृत्यु में डॉक्टरों की लापरवाही दर्शाने के लिए ही इस मूर्ति को बनाया गया है।
पूजा कमेटी के पदाधिकारी दिनेश बजाज ने कहा कि असली डॉक्टर नहीं, बल्कि फर्जी डॉक्टरों को महिषासुर के रूप में दिखाया गया है। कोई भ्रम न हो, इसलिए मूर्ति पर बोर्ड लगा दिया गया है। उसे पढ़ने के बाद दर्शनार्थी समझ जाएंगे कि ये फर्जी डॉक्टरों के बारे में लिखा गया है।