कोलकाता। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजन के बाद मूर्ति विसर्जन के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ममता सरकार के फैसले को पलटते हुए एक सितंबर को मुहर्रम के दिन भी मूर्ति विसर्जन की इजाजत दे दी है। इसके अलावा अन्य दिनों में मूर्ति विसर्जन का समय दस बजे से बढ़ाकर रात 12 बजे तक कर दिया गया है।
हाईकोर्ट ने इसके लिए पुलिस को व्यवस्था बनाने को कहा है। हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा है कि वह दोनों कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग रूट तैयार करें।
बता दें कि इससे पहले आज सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों पर कोलकाता हाईकोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई थी। एक तरह से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार को लताड़ लगाते हुए कोर्ट ने सवाल किया था कि 'सिर्फ इसलिए कि आप राज्य हैं, आप मनमाने ढंग से कोई भी आदेश पारित कर सकते हैं?'
हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, "क्या आप ये भी नहीं समझते कि 'नियमन और निषेध के बीच अंतर है।" मूर्ति विसर्जन पर सरकार के रवैये से नाराज मुख्य न्यायधीश ने यहां तक कह डाला कि "आप बिना किसी आधार के चरम शक्ति का प्रयोग कर रहे हैं।' कोर्ट ने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, "यदि आपको कोई सपना आता है कि कहीं कुछ गलत हो जाएगा, तो आप इसकी रोकथाम के लिए सीधे सीधे प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं। '
बता दें कि यह विवाद उस समय खड़ा हुआ जब प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार ने एक अक्तूबर को मुहर्रम होने की वजह से उस दिन प्रतिमाओं के विसर्जन पर पाबंदी लगा दी थी। इसके अलावा शुरूआत में प्रतिमाओं के विसर्जन का समय केवल शाम छह बजे तक सीमित रखा गया था।