पटना। बिहार में 700 करोड़ के सृजन घोटाले के आरोपी महेश मंडल की रविवार शाम मौत हो गई। महेश किडनी और कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। 13 अगस्त को महेश की गिरफ्तारी भागलपुर से हुई थी और गिरफ्तारी के बाद भी उनका इलाज एक अस्पताल में चल रहा था।
सृजन घोटाले में आरोपी नाजीर महेश मंडल को 15 अगस्त को सृजन घोटाले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। परिवारवालों ने महेश की मौत के लिए जेल प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि महेश का इलाज सही ढंग से नहीं किया गया जिसके चलते उनकी मौत हुई। उनका ये भी कहना है कि महेश जिंदा होते को घोटाले से संबंधित कई और राज खोल सकते थे।
महेश जिला कल्याण विभाग में नाजिर थे और इस घोटाले के सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। अपनी गिरफ्तारी के बाद महेश ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था वह काफी चौंकाने वाला था। उनके गांव में डेढ़ एकड़ का विशाल घर मिला था, जिसकी चर्चा है कि हर कमरा न केवल वातानूकुलित है, बल्कि बाथरूम में भी एयरकंडीशन लगा है। महेश का बेटा शिव मंडल जनता दल यूनाइटेड का भागलपुर इकाई का युवा विंग का अध्यक्ष था और इस मामले के प्रकाश में आने के बाद उसे भी पार्टी से बाहर कर दिया गया।
बिहार के इस कथित करोड़ों रुपये के सृजन घोटाले को अफसरों, कर्मचारियों, बैंकों और सृजन की मिलीभगत से साल 2009 से अंजाम दिया जा रहा था। इस घोटाले में जिला कल्याण कार्यालय में तैनात आरोपी नाजिर महेश मंडल को 15 अगस्त की शाम कोर्ट में पेश किया गया था। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।