कोडाईकनाल। मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला और उनके ब्रिटिश साथी डेसमंड कुटान्हो ने शादी कर ली है। उन्होंने यह शादी कोडइकानल अधिनियम के तहत की है। बता दें कि पिछले दिनों तमिलनाडु के कोडइकानल के उप रजिस्ट्रार ने स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता वी महेंद्रन द्वारा दर्ज आपत्ति को खारिज करने का आदेश जारी कर इरोम की शादी की राह को साफ कर दिया था।
लेकिन इस आपत्ति में ऐसी कोई बात नहीं है। अफ्सपा के विरोध में मणिपुर में 16 साल तक संघर्ष करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने शादी के लिए उप रजिस्ट्रार के कार्यालय में 12 जुलाई को आवेदन दिया था।सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्रन ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा था कि अगर शादी करके ये लोग यहां रहेंगे तो यहां की कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं।
तो इसलिए कोडाईकनाल में हुई शादी
सब-रजिस्ट्रार राधाकृष्णन की मौजूदगी में डेसमंड ने इरोम को अंगूठी पहनाई। शादी बिल्कु सादे तरीके से संपन्न हुई जिसमें इरोम और डेसमंड के परिवारवाले भी शामिल नहीं थे। इससे पहले दोनों हिंदु मैरिज एक्ट के तहत शादी को रजिस्टर करा चुके हैं। दोनों से इस शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत भी दर्ज कराने को कहा गया था क्योंकि यह एक अंतरजातीय विवाह था। शादी के बाद शर्मिला ने मीडिया को बताया कि कोडाईकनाल एक शांतिपूर्ण जगह और यहां पर आकर उनकी शांति की तलाश पूरी हो गई।
अब कोडाईकनाल में रहेंगी इरोम शर्मिला
शादी के बाद भी वह कोडाईकनाल के पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोगों के पक्ष में आवाज उठाती रहेंगी, उन्होंने मीडिया के सामने इस बात की जानकारी दी। कोडाईकानाल के स्थानीय कार्यकर्ता वी महेंद्रन ने इस शादी का विरोध किया था। उनका कहना था कि अगर दोनों लोगों यहां पर रहते हैं तो पिछड़ी जाति के लोगों को कानून और व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सब-रजिस्ट्रार ने इस विरोध को खारिज कर दिया। इरोम और डेसमंड ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत 12 जुलाई को शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लीकेशन दायर की थी।