पटना। तेजस्वी यादव को लेकर बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। बुधवार शाम पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की बैठक बुलाई। बैठक के बाद नीतीश कुमार राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने गए और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।
मीडिया से नीतीश ने कहा कि राज्यपाल महोदय ने इस्तीफा स्वीकार किया है और आगामी व्यवस्था तक पद संभालने को कहा है। आगे क्या होगा, कब होगा, कैसा होगा यह भविष्य पर छोड़ दिया है। इसी के साथ राज्य में 20 महीने से चल रही महागठबंधन सरकार का अंत हो गया।
नीतीश कुमार ने गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद कहा कि मौजूदा माहौल में काम करना संभव नहीं था। हमने अंतरआत्मा की आवाज पर ये फैसला लिया।
मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के विकास के लिए महागठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान हमने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए निरंतर बेहतर काम करने की कोशिश की। लेकिन इस बीच जो चीजें उभर कर सामने आयीं, उस माहौल में मेरे लिए काम करना संभव नहीं था।
तेजस्वी मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा, लालू जी से भी हमारी बात होती रही है। तेजस्वी यादव ने भी मुझसे मुलाकात की। हमने इस दौरान जनता के समक्ष राजद की ओर से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी बात लेकर जाने को कहा था। लेकिन हमारी बात को नहीं मानी गई। ऐसे माहौल में काम करना भी मेरे लिए मुश्किल हो रहा था। हमने अपनी तरफ से महागठबंधन धर्म का पालन करने की पूरी कोशिश की। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर हमने उचित रास्ता तलाशने की भी बात कही थी। हमने लालू जी से भी अपनी स्थिति स्पष्ट कर दिया था, जिस पर उन्हें निर्णय लेना था। ऐसा नहीं किये जाने पर मेरे लिए सरकार चलाना मुश्किल था।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महागठबंधन टूटने पर नीतीश कुमार को बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई।
सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं। देश बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक होकर लड़ना, आज देश और समय की मांग है।
दरअसल, इससे पहले लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी ने साफ कर दिया था कि नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है। जिसके बाद नीतीश ने खुद ही इस्तीफा दे दिया। नीतीश के इस्तीफे के बाद राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया है।
बता दें कि रेलवे टेंडर घोटाला और बेनामी संपत्ति मामले में केस दर्ज होने पर भाजपा लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रही है। जेडीयू भी कह चुकी है कि तेजस्वी को जनता के बीच जाकर सफाई देनी चाहिए।