अहमदाबाद। गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले सूबे का सियासी माहौल गरमा गया है। राज्य के बड़े नेता और पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने अपने बर्थडे के मौके पर बुलाए गए सम्मेलन में कहा कि 24 घंटे पहले ही उन्हें कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया है। हालांकि, कांग्रेस के उच्च सूत्रों ने वाघेला के सस्पेंड किए जाने की बात को गलत बताया। खास बात ये है कि पहले ही से ये कयास लगाए जा रहे थे कि वो कांग्रेस छोड़ने का एलान कर सकते हैं।
शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि वो कांग्रेस सेवा दल में रहे और उन्होंने पार्टी की बहुत सेवा की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस से उनका पुराना नाता रहा है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वो अहमद भाई पटेल के आभारी हैं जिन्होंने उनकी सही समय पर मदद की। उन्होंने कहा, “केशुभाई पटेल की सरकार में मैं पराया हो गया इसलिए मैं सरकार से अलग हुआ।”
जब शंकर सिंह वाघेला अपनी बात रख रहे थे तब मंच पर कांग्रेस विधायक राघवजी पटेल और NCP के विधायक कांधल और बोस्की भी मौजूद थे। खास बात ये है कि शंकर सिंह वाघेला ने अपने ट्विटर के अकाउंट के स्टेटस से कांग्रेस का पद हटा दिया है, साथ ही अब किसी भी कांग्रेसी को फॉलो नहीं कर रहे हैं।
शंकर सिंह वाघेला ने नहीं किया कोई खुलासा
शंकर सिंह वाघेला ने कहा, आप पूछना चाहते होंगे कि मैं वहां क्या बोलूंगा। लेकिन ये बात मैं सही वक्त आने से पहले नहीं बताऊंगा। जैसे नरेन्द्र मोदी ने मेरे कान में क्या कहा, अगर ये सबको बताना होता तो सार्वजनिक तौर पर नहीं कहते? कान में कहने का मतलब ही है कि वो बात सबको बताने की नहीं है। इसी तरह सम्मेलन में मुझे जो कहना है वो उसी समय बताऊंगा।
कांग्रेस से नाराज हैं वाघेला
वाघेला पहले से ही कांग्रेस नाराज हैं। 15 दिन पहले उन्होने गांधीनगर में एक सम्मेलन किया था, जिसमें कांग्रेस के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी। आज के सम्मेलन में अगर उन्होंने संन्यास का एलान कर दिया तो दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा।