नई दिल्ली। केरल में कथित कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा गाय काटने के वीडियो पर हंगामा मच गया है। कल रात बीजेपी अध्यक्ष राजशेखरन ने यह वीडियो अपलोड कर ट्वीट किया कि सरेआम बीच सड़क पर यूथ कांग्रेस के कार्यकताओं ने गोवध किया। इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस वीडियो को दिल्ली के बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने भी शेयर किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा' कांग्रेस ने खाली ये गाय नही काटी बल्कि 100 करोड़ हिन्दुओ को चुनौती दी है। 100 करोड़ हिन्दुओ की भावनाओ को भड़काने का काम किया है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से मामले के ऊपर अभी कोई प्रतिक्रिया नही आई है।
मुख्यमंत्री विजयन ने मोदी को लिखा खत
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नए नियम के खिलाफ पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर नए नियम को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने लिखा- मैं आपसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करता हूं और नए प्रतिबंधों को हटाने की मांग करता हूं, ताकि देश के लाखों पशुपालकों, किसानों की आजीविका को सुरक्षित किया जा सके और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा भी की जा सके।
विजयन ने कहा कि केरल में आबादी का बड़ा हिस्सा मांसाहारी है और देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में भी यही स्थिति है। विजयन ने लिखा है, यहां तक असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी शाकाहारियों की अपेक्षा मांसाहारियों की संख्या अधिक है। विजयन ने कहा कि नए नियम लागू करने से पहले राज्यों के साथ चर्चा करनी चाहिए थी।
विपक्ष ने भी उठाई आवाज
नए नियम को लेकर विरोधी दल भी आवाज उठा रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि ऐसे राज्य जहां गोवध पर बैन नहीं है अगर वहां रोक लगाई जाती है तो वो लोग अपनी प्रतिक्रियाएं तो देंगे ही। जेडीयू ने कहा है कि बीजेपी को छोडकर लेफ्ट फ्रंट और सभी डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता, कार्यकर्ता और अधिकांश जनता इस बैन के खिलाफ है और सरकार को ऐसा कोई कानून बनाने से पहले राज्यों को विश्वास में लेना चाहिए था।
किस नियम पर मचा है बवाल
केन्द्री य पर्यावरण मंत्रालय ने पशु बाजार में जानवरों को कत्ल करने के मकसद से होने वाली खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। अब मवेशी खरीदने वालों को एक हलफनामा देना होगा जिसमें ये सुनिश्चित करना होगा कि बेचे जाने वाले जानवरों का कत्ल नहीं किया जाएगा बल्किम पशुओं को कृषि के उद्देश्य से खरीदा जा रहा है। पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत इस पर रोक लगाई है। नियम का उद्देश्य पशुओं को क्रूरता से बचाना है।