नई दिल्ली। कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए एक युवक को जीप से बांधकर ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले मेजर लितुल गोगोई पहली बार मीडिया के सामने आए और उस घटना के बारे में विस्तार से बताया। गोगोई ने कहा कि अगर उस दिन उस युवक को जीप से बांधने वाले प्लान पर काम नहीं किया होता तो मौके पर कई लोगों की जानें जातीं। राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर लितुल गोगोई को आर्मी चीफ की ओर से इस घटना के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है। दूसरी ओर कश्मीर में पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रखी है।
ये हुआ था उस दिन
इस पूरे विवाद के बाद मेजर गोगोई पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने उस दिन को याद करते हुए बताया कि 1200 लोगों ने पोलिंग स्टेशन को घेर रखा था और उसे पेट्रोल बम से जलाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने देखा कि एक युवक पत्थरबाजों को उकसा रहा है और उसी के नेतृत्व में ये पत्थरबाजी हो रही है। मेजर गोगोई ने कहा कि जब उन्होंने उस युवक को पकड़ा तो पत्थरबाजी बंद हो गई। यहीं से उन्हें ये आइडिया आया कि भीड़ से सुरक्षित बाहर निकलना है और कोई बल-प्रयोग भीड़ पर नहीं करना है तो उस युवक को ही ढाल बनाना होगा। मेजर गोगोई ने कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करते और फायरिंग का रास्ता अपनाते तो कई जानें जातीं।
युवक बोला: मैं जानवर था, जो जीप से बांधा
कश्मीर में आर्मी जीप के बोनट से बांधे गए फारूख डार ने कहा है कि देश का कौन सा कानून एक शख्स को ह्यूमन शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत देता है? मैं कोई बैल या भैंस था जो मेरे साथ ऐसा सुलूक किया गया? अगर कानून के मुताबिक, ये सही है तो मैं कुछ नहीं कर सकता। उनसे नहीं लड़ सकता, जिन्होंने ऐसा करने वाले अफसर को अवॉर्ड दिया।
पत्थरबाजों के निशाने पर अमरनाथ यात्री, सुरक्षा बढ़ी
आतंकी खतरे और श्रद्धालुओं पर पत्थरबाजी की आशंकाओं के बीच अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा चाक-चौबंद रहे इसके लिए केंद्रीय गृह सचिव ने गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, जम्मू कश्मीर के डीजीपी और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के डीजी शामिल हुए। किसी भी खतरे से निपटने के लिए इस बार यात्रा के दौरान पहले से अधिक सुरक्षा दी जाएगी। अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक एक लाख 52 हजार श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं, यह वह यात्री हैं जो सड़क रास्ते से पैदल चलकर पवित्र शिवलिंग के दर्शन करेंगे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सेना, सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस, आईटीबीपी और एसएसबी के जवान तैनात रहेंगे।