नई दिल्ली। लोकपाल बिल के लिए हुए दिल्ली आंदोलन से चर्चा में आए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कश्मीर में हुए उड़ी हमले की निंदा की है।
अन्ना का कहना है कि जरूरत आने पर वो देश की रक्षा के लिए सीमा पर जाकर युद्ध में भागीदारी इस उम्र में भी लेना चाहेंगे। अपनी बायोपिक फ़िल्म "अन्ना" के ट्रेलर लॉंन्च पर मुंबई पहुंचे अन्ना हजारे ने पत्रकारों से बातचीत में पाकिस्तान और भारत के मौजूदा रिश्ते पर टिपण्णी करते हुए कहा, "दोनों देशों को अच्छे पड़ोसी का धर्म निभाना चाहिए और एक-दूसरे के सुख दुःख में शामिल होना चाहिए।"
1965 के युद्ध को याद करते हुए अन्ना ने कहा, "उस युद्ध में मैं भी था और हमारे बम लाहौर में जाकर गिरे इसलिए उसी समय पाकिस्तान रुक गया। अभी पाकिस्तान को पता है की भारत की शक्ति क्या है और उन्हें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए। दोनों देशों के लिए युद्ध ठीक नहीं पर फिर भी ऐसा कुछ होता है तो मैं 79 उम्र में फिर से सीमा पर जाना चाहूंगा और युद्ध में भागीदारी लेना चाहूंगा।"
अन्ना हज़ारे ने उड़ी हमले को कायर हमला करार दिया और भारत सरकार के बयान का समर्थन किया। महाराष्ट्र की राजनीतिक पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों को देश छोड़ने की चेतावनी पर अन्ना ने कहा, "लड़ाई और कला को अलग रखना चाहिए और कला में नफरत नहीं लानी चाहिए पर अगर कला या कोई कलाकार देश या समाज को नुकसान पंहुचा रहा है तो वो मंजूूर नहीं।"