कहलगांव। देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड के कहलगांव बिजली संयंत्र से उत्सर्जित राख की ढुलाई में भू-विस्थापित एवं स्थानीय लोगों को शामिल नहीं करने के खिलाफ आज से कई गांवों के भू-विस्थापितों ने आंदोलन शुरु कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि संयंत्र के ऐश डाइक एरिया में बड़ी संख्या में भू- विस्थापित अपनी मांगों के समर्थन में सामूहिक धरने पर बैठ गए हैं जिनसे राख ढुलाई कार्य के बाधित होने की संभावना बढ़ गई है। मामले के समाधान के लिए संयंत्र के अधिकारी स्थानीय प्रशासन के सहयोग से आंदोलनरत लोगों से वार्ता करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, प्रबंधन की ओर से इसके लिए तत्काल धरना प्रदर्शन को खत्म करने की बात कही गई है।
इसबीच भू-संघर्ष समिति के संयोजक शुभानंद मुकेश ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन की ढुलमुल रवैये एवं दोहरी नीति से राख ढुलाई के कार्य में करीब एक दर्जन गांवों के भू-विस्थापित लोगों को शामिल नहीं किये जाने के कारण उनलोगों के समक्ष भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। मुकेश ने कहा कि इस सिलसिले में कई बार एनटीपीसी प्रबंधन और स्थानीय अधिकारियों को मौखिक एवं लिखित रूप से शिकायत करने के बावजूद प्रभावित क्षेत्रों के भू-विस्थापितों की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है। जबकि संबंधित विभाग की मिलीभगत से करोड़ों रुपयों की राख ढुलाई कार्य को बाहर के बड़े-बड़े संवेदको से करवाया जा रहा है, जो राज्य सरकार के निर्देशों के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि जब तक भू-विस्थापितों की मांगों को नहीं माना जायेगा, तबतक यह आंदोलन जारी रहेगा।