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किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फसल चक्र में बदलाव करना होगा : नीतीश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 20 2019 5:43PM | Updated Date: Nov 20 2019 5:43PM
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु के अनुकूल कृषि कार्य किये जाने की जरूरत पर बल देते हुए आज कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फसल चक्र में बदलाव करना होगा। कुमार ने यहां जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटने करने के बाद कहा कि मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। बोरलॉग इंस्टीच्यूट फॉर साउथ एशिया के पूसा केंद्र द्वारा 150 एकड़ में कृषि कार्य किया जा रहा है। समस्तीपुर का इलाका कृषि के लिए खास रहा है इसलिए बोरलॉग इंस्टीच्यूट फॉर साउथ एशिया का केंद्र पूसा में बनाने का हरसंभव प्रयास सरकार ने किया था। देश में तीन जगहों पर इसका केंद्र बना, जिनमें से एक पूसा में है। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फसल चक्र में बदलाव करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की योजना का कार्यान्वयन इन चार समूहों बोरलॉग इंस्टीच्यूट फॉर साउथ एशिया, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (पूसा, समस्तीपुर), बिहार कृषि विश्वविद्यालय (सबौर, भागलपुर) तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, (पूर्वी क्षेत्र, पटना) को करना है। चारों समूह मिलकर पूसा में जो काम हो रहा है, उसे देखेंगे और पूरे बिहार के संदर्भ में क्या होना चाहिए, उसे सुनिश्चित करेंगे। प्रथम चरण में बिहार के 8 जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्रों में इसे प्रारम्भ किया जा रहा है। साथ ही साथ इन आठ जगहों पर पांच-पांच गांवों का चयन कर जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम भी कराये जायेंगे। इन आठ जिलों के बाद जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को पूरे बिहार में लागू किया जायेगा।

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