झांसी। देश की आजादी के पहले स्वतंत्रता संग्राम में वीरता की अमिट गाथा लिखने वाली झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई की 184वीं जयंती मंगलवार को धूमधाम से मनायी गयी । शहर भर में लोगों ने घर के बाहर दिये जलाकर और प्रकाश की व्यवस्था कर वीरांगना के जन्मोत्सव का जश्न मनाया। सुबह से ही शहर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सीपरी बाजार से बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने रैली निकाली । इसके बाद रानी झांसी के किले से महिला शक्ति रैली के रूप में सिर पर साफा बांधे निकली। सड़कों पर महिला शक्ति की छब देखते ही बन रही थी।इस दौरान विभिन्न संगठनों ने अलग अलग तरह से रानी झांसी का जन्मोत्सव मनाया। किला मार्ग स्थित डॉ वृंदावन लाल वर्मा स्मृति ट्रस्ट के तत्वाधान में वृंदावन लाल पार्क में स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम दीपशिखा रानी झांसी का जन्मोत्सव मनाया गया।
जिला एकीकरण समिति के तत्वाधान में विकास भवन सभागार में महारानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी श्री निखिल टीकाराम फुंडे ने राष्ट्रीय कौमी एकता सप्ताह का शुभारंभ करते हुए 19 से 25 नवंबर तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय अखंडता की शपथ समिति के सदस्य सहित विकास भवन परिवार के सदस्यों को दिलाई। उन्होंने कहा कि हम सभी को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। महिलाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें आगे लाना चाहिए। उन्होंने झांसी की रानी को याद करते हुए कहा कि उनके बलिदान से ही हमें आजादी मिल सकी है। सर्वप्रथम आजादी उन्होंने ही आजादी का बिगुल अंग्रेजो के खिलाफ फूंका था।इस अवसर पर मोहन नेपाली में महारानी को बाई साहब के नाम से भी याद किया जाता है।
उन्होंने रानी के युद्ध के संस्मरण को सुनाया। शहर के सभी चौराहों और महापुरूषों की प्रतिमाओं को विशेष रूप से संजाया और संवारा गया। चौराहों पर बच्चों ने रंगोली के माध्यम से रानी झांसी की वीरता की कहानी उकेरी। बुंदेलखंड डिग्री कॉलेज से तिरंगा यात्रा निकाली गयी। यात्रा बीकेडी से जीवनशाह तिराहे से होते हुए रानी लक्ष्मीबाई पार्क में खत्म हुई । इस तिरंगा यात्रा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रानी महल से शुरू हुई झांकी और रैली शहर के व्यस्तम बाजारों बड़ा बाजार, गंज , मालियन का चौराहा, बर्तन बाजार , मानिक चौक और सिंधी चौराहे होते हुए रानी महल पर ही समाप्त हुई।
दिन छिपते के साथ ही पूरी झांसी में लगभग सभी चौराहे और प्रतिमाएं रोशनी से जगमगा उठी। रानी लक्ष्मीबाई पार्क और वहां स्थित रानी झांसी की प्रतिमा रोशनी से सराबोर नजर आयी । बड़ी संख्या में लोगों ने पार्क में रानी की प्रतिमा के पास दीप प्रजज्वलित किये । इतना ही नहीं लोगों ने अपने अपने घर के बाहर और कई जगहों पर तो गलियां भी रोशन की गयीं। इस दौरान पार्क में विभिन्न संगठनों ने बच्चों को लेकर रानी झांसी की जीवन गाथा दर्शाते कई कार्यक्रमों का आयोजन किया।