भुवनेश्वर। ओड़िशा सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के निधन को दुर्घटना बताने वाली विवादित बुकलेट को वापस ले लिया है। ओड़िशा विधानसभा में राज्य के शिक्षा मंत्री रंजन दास ने कहा कि दो पृष्ठ की बुकलेट जिसमें महात्मा गांधी के निधन का कारण दुर्घटना बताया गया है, यह गैर इरादतन था। उन्होंने कहा कि सरकार की किसी भी तरह की गलत जानकारी देने, बच्चों को गुमराह करने या तथ्य बदलने की कोई मंशा नहीं थी। दास ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर यह बयान दिया। कल विधानसभा में कुछ कांग्रेस सदस्यों द्वारा बुकलेट की निंदा करने और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से माफी मांगने की मांग की थी जिसके बाद अध्यक्ष ने मंत्री को बयान जारी करने का निर्देश दिया था।
दास ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने दो अक्टूबर 2018 से लेकर दो अक्टूबर 2019 तक महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने का निर्णय लिया था। इस दौरान बच्चों के बीच चर्चा, चित्रकारी और क्विज प्रतियोगिता रखी गयीं थी। जिला स्तर पर प्रदर्शनी, गांधी जी के मूल्य सिद्धांत अहिंसा पर नाटक और सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसी तरह ‘हमारे बापूजी: एक झलक’ नामक दो पृष्ठ की बुकलेट जारी करने का भी फैसला लिया गया था। इसकी सॉफ्ट कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक और ब्लॉक विकास अधिकारी को भेजी गयीं थी और उन्हें इसका प्रकाशन कराकर जिला स्तर पर और बच्चों को बांटने के निर्देश दिए गए थे।
बुकलेट में गांधी जी के बचपन, पढ़ाई और ओड़िशा के बारे में कई रोचक तथ्य हैं। बुकलेट में गांधीजी और ओड़िशा के बारे में उनके विचार पर चार फोटो भी लगायी गयी हैं। बुकलेट में गांधी जी का निधन 30 जनवरी 1948 को नयी दिल्ली के बिरला हाउस में दुर्घटना में हुई बताया गया है जिसे लेकर ओड़िशा विधानसभा में काफी हंगामा हुआ। दास ने कहा कि सरकार ने विधानसभा में सदस्यों की भावना को ध्यान में रखते हुए पहले ही बुकलेट वापस ले ली है। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उसे पद से हटाया गया है और अन्य दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विधानसभा में कांग्रेस के नेता नरसिंह मिश्रा ने इसे राष्ट्रपिता का अपमान बताया। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जिम्मेदार ठहराया और इस बुकलेट का प्रकाशन बंद करने की मांग की।