अगरतला। त्रिपुरा की एक अदालत ने 164 करोड़ घोटाला के आरोपी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व मंत्री बादल चौधरी को सोमवार को कुछ शर्ता के साथ चार दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया जबकि इसी मामले के आरोपी पूर्व मुख्य अभियंता (सेवानिवृत्त) सुनील भौमिक को 22 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।पश्चिम त्रिपुरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यजीत कार पुरकायस्थ ने मामले की सुनवाई के बाद यह आदेश सुनाया। अदालत ने कहा कि चौधरी को चार दिन के पुलिस हिरासत केवल उन शर्तों पर दिया जाएगा जब पुलिस उन्हें खाट, बिस्तर, पेयजल, बाथरूम और शौचालय जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ डॉक्टर की 24 घंटे उपस्थिति एवं नजदीकी रिश्तेदारों से मिलने की सुविधा और एक अलग कमरा प्रदान करती है।
अन्यथा वह 22 नवंबर तक जेल में रहेंगे जहां वे सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं और पुलिस उनसे पूछताछ भी कर सकती है। न्यायाधीश ने जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक अजय चंद्र दास को अदालत में बुलाया और आदेश पारित करने से पहले पुलिस हिरासत में निर्देश का पालन करने का आश्वासन देने को कहा लेकिन अब तक पुलिस की ओर से आश्वासन की पुष्टि नहीं की जा सकी है। इस मामले के विशेष सरकारी वकील रतन दत्ता ने मीडिया को बताया कि पुलिस चौधरी की पुलिस हिरासत की व्यवस्था करेगी। अदालत ने पिछले शुक्रवार को 71 वर्षीय पूर्व मंत्री को चार दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया था और जेल अधिकारी को निर्देश दिया था कि वह जेल में उनके दर्जे के अनुसार सभी सुविधाएं प्रदान करें और उनकी बीमारियों को देखते हुए उनका इलाज सुनिश्चित करें।
अस्पताल में नौ दिनों तक रहने के बाद चौधरी को अदालत में पेश किया गया था और उसकी हिरासत की मांग की गई थी, लेकिन अदालत ने पुलिस रिमांड पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने बादल को सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ नियमित चिकित्सा जांच और उनके स्वास्थ्य की पूरी सुरक्षा के साथ ऐसे ही नियम और शर्ता के साथ उन्हें जेल भेज दिया था। न्यायाधीश ने पुलिस को चौधरी से जेल में पूछताछ करने की अनुमति दी और फैसला सुनाया कि अगली तारीख पर उन्हें शारीरिक रूप से अदालत में पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि उनसे वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ की जाएगी। अदालत ने न्यायालय में सुनील भौमिक को भी शारीरिक उपस्थिति की छूट दे दी। न्यायालय ने कहा कि जज उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर विचार करते हुए जेल से उनके साथ वीडियो-कॉन्फ्रेसिंग पर बात करेंगे। भौमिक के वकील ने हालांकि कहा कि उनकी जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में 15 नवंबर को सुनवाई की जाएगी।
इस बीच, जांच अधिकारी दास ने अदालत के निर्देशानुसार चौधरी के पुलिस रिमांड को लेकर पुलिस प्रशासन में उच्च स्तरीय चर्चा की। चौधरी के वकील रघुनाथ मुखर्जी ने कहा कि जब तक पुलिस कोई फैसला नहीं करती तब तक चौधरी को जेल भेज दिया गया और जैसे ही पुलिस अदालत में आश्वासन देगी, उन्हें चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया जाएगा। पश्चिम अगरतला पुलिस की हिरासत में 30 अक्टबूर को बीमार होने के बाद चौधरी अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में विभिन्न बीमारियों का इलाज करवा रहे हैं। फिलहाल न्यायिक हिरासत में श्री चौधरी इसी अस्पताल में भर्ती हैं।