जयपुर। राजस्थान में किसान महापंचायत ने किसानों को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद केन्द्र सुनिश्चित करने, चौपट हो चुकी फसल का मुआवजा देने एवं प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) सहित सभी योजनाओं की मार्गदर्शिकाओं में खरीद के अवरोध संबंधी प्रावधानों को हटाने की मांग की गई है। महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र को आज इस संबंध में ज्ञापन दिया। जाट ने बताया कि ज्ञापन में महापंचायत ने मांग की कि किसानों को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए उद्योगों की तरह आर्थिक पैकेज देने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए किसानों की सुनिश्चित आय एवं मूल्य का अधिकार विधेयक 2012 के आधार पर कानून बनाया जाना चाहिए।
समर्थन मूल्य के लिए भावांतर भुगतान योजना शुरु करने, समर्थन मूल्य पर से कम दामों पर क्रय करने पर इसे अपराध घोषित करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में समुचित संशोधन करने, खरीद में बाधा बन रहे प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) सहित सभी योजनाओं की मार्गदर्शिकाओं में खरीद के अवरोधों संबंधी प्रावधानों को हटाये जाने की मांग की गई। जाट ने बताया कि ज्ञापन में मांग की कि जिस प्रकार उत्पादन के साथ आय आधारित नीति की चर्चा आरंभ की गई है, उसी प्रकार देश की आर्थिक नीतियों में कृषि, किसान एवं गांवों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसी प्रकार किसानों की चौपट हो चुकी फसल के लिए उचित मुआवजा देने की मांग भी की गई।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में मूंग का बाजार मूल्य आठ से नौ हजार रुपए रहा था लेकिन केन्द्र सरकार ने विदेशों से दालों का न्यूनतम समर्थन मूल्य से दो गुणा तक दाम चुका कर आयात किया। इससे बाजार में मूंग सहित सभी दलहनों के दाम गिर गये। अभी भी दालों के आयत के लिए दबाव बना हुआ है। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को मंदी की मार से बचाने के लिए चर्चा भी नहीं की बल्कि पीएम आशा योजना को लागू किया गया जिससे किसानों की खरीद बाधित हुई। ज्ञापन में यह भी मांग की कि कृषि लागत एवं मूलय आयोग की अनुशंसाओं को स्वीकार कर उनकी पालना सुनिश्चित करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्राम स्तर पर वर्ष भर खरीद चालू रखने के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को स्थाई खरीद केन्द्र बनाकर प्रभावी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।