श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 एवं 35 (ए) को रद्द करने तथा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के पांच अगस्त के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में कश्मीर घाटी में लगातार 41वें दिन शनिवार को भी बंद रहा और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शनों को रोकने के लिए शहर और शहर-ए-खास के हिस्सों में लगाए गए कड़े प्रतिबंध हटा लिये गये। शहर-ए-खास में हालांकि ऐतिहासिक जामिया मस्जिद पांच अगस्त से ही बंद है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। श्रीनगर और इसके बाहरी इलाकों में बड़ी संख्या में केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है और धारा 144 के तहत चार या उससे अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने पर पिछले 41 दिनों से पाबंदी लागू है।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘ पुराने शहर और शहर ए खास की सभी सड़कों से कांटेदार तारों को हटा दिया गया। पिछले 24 घंटों के दौरान घाटी में किसी अप्रिय घटना की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।’’ घाटी में मोबाइल और भारत संचार निगम लिमिटेड तथा अन्य कंपनियों की इंटरनेट सेवाएं 41 दिनों से स्थगित हैं जिसके कारण छात्रों, मीडिया कर्मियों, डॉक्टरों और अन्य पेशेवरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह से घाटी में लैंडलाइन सेवा बहाल हुई है। कश्मीर घाटी में सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों से वाहन भी नदारद रहे। किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं। इस बीच, उत्तरी कश्मीर के बारामूला से जम्मू क्षेत्र के बनिहाल के बीच लगातार 41वें दिन भी सभी ट्रेन सेवायें स्थगित रहीं।