नैनीताल। उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आयी केदारनाथ आपदा के 465 पीड़ितों को सरकार सहायता उपलब्ध करायेगी। सरकार की ओर से राज्य पर्यटन विभाग की ओर से संचालित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तहत उन्हें सब्सिडी के आधार पर सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय में शपथपत्र के माध्यम से यह बात कही है। सरकार ने संयुक्त व्यापार संघ श्री केदारनाथ संघ गुप्तकाशी की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में यह बात कही है। दरअसल संयुक्त व्यापार संघ की ओर से न्यायालय में इस वर्ष एक वाद दायर किया गया था। याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2013 में आयी आपदा में केदारनाथ एवं तिलवाड़ा के बीच लगभग 140 किमी के दायरे में सभी होटल, व्यावसायिक प्रतिष्ठान बह गये थे। लगभग 2909 लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2014 में आपदा पीड़ितों का एक शिष्टमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिला था। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार पोस्ती ने बताया कि सरकार की ओर से उन्हें कहा गया कि आपदा पीड़ित एक पंजीकृत सोसाइटी का गठन कर आपदा के दौरान हुए नुकसान का आकलन कर सरकार को सौंपें।
पोस्ती ने बताया कि आपदा पीड़ितों ने संयुक्त व्यापार संघ केदारनाथ क्षेत्र गुप्तकाशी के नाम से एक सोसाइटी का गठन किया और सरकार को लगभग 47 करोड़ रुपये के नुकसान का प्रस्ताव भेज दिया गया। इसमें केदारनाथ, घोड़ापड़ाव, रामबाड़ा, रामबाड़ा से गरुड़चट्टी, रामबाड़ा से गौरीकुंड, गौरीकुंड, सोनप्रयाग, विनयनगर एवं सिल्ली, सुमाड़ी, तिलवाड़ा एवं कालीमठ के 2909 आपदा पीड़ित शामिल थे। अधिवक्ता ने बताया कि इसके बाद सरकार ने 04 मार्च 2014 को एक शासनादेश जारी कर कहा था कि आपदा पीड़ितों को दो लाख तक 90 प्रतिशत और दो लाख से 30 लाख तक के नुकसान पर 80 प्रतिशत सहायता राशि का भुगतान किया जायेगा। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि पचास प्रतिशत सहायता राशि नकद एवं पचास प्रतिशत सहायता पर्यटन विभाग के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तहत सब्सिडी के आधार पर उपलब्ध करायी जायेगी। पोस्ती ने बताया कि सरकार ने 13 मार्च 2014 को दूसरा शासनादेश जारी कर मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 करोड़ की धनराशि आपदा पीड़ितों के लिये जारी कर दी और रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने इसे इसी साल 20 जून 2014 को आपदा पीड़ितों को वितरित कर दी।
इसके बाद संयुक्त व्यापार संघ के प्रतिनिधि शेष पचास प्रतिशत धनराशि के लिये मुख्यमंत्री एवं सरकार के सामने गुहार लगाते रहे लेकिन इस मामले में कुछ नहीं हुआ। उन्होंने बताया इसके बाद संयुक्त व्यापार संघ की ओर से इस मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी। न्यायालय ने सरकार एवं जिलाधिकारी से रुद्रप्रयाग से इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा। सरकार की ओर से इसी महीने 16 अगस्त को जवाब दाखिल किया गया। सरकार की ओर से कहा गया कि 25 जून को इस संबंध में आपदा प्रबंधन सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक में निर्णय लिया गया कि तिलवाड़ा से केदारनाथ धाम तक 465 व्यवसायियों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तहत सब्सिडी के आधार पर सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया और जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दे दिये गये हैं। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद आज पीड़ित व्यापार संघ से इस मामले में तीन सप्ताह में प्रतिशपथ पत्र पेश करने को कहा है।