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ममता ने बंगाल को अफगानिस्तान बना दिया : दिलीप घोष

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 19 2019 5:27PM | Updated Date: Jul 19 2019 5:30PM
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आज आरोप लगाया कि उन्होंने कला, साहित्य, दर्शन, संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम की चेतना वाले इस राज्य को अफगानिस्तान में तब्दील कर दिया है जहां समाज को राजनीतिक कबीलों में बांट कर खूनी खेल खेला जा रहा है। मेदिनीपुर से सांसद एवं भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया और प्रभात प्रकाशन द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित एक समसामयिक पत्रिका ‘ब्लीडिंग बंगाल’ के विमोचन के मौके पर उक्त विचार व्यक्त किये।
 
इस पत्र में 19 मई 2019 के बाद राज्य में हुई राजनीतिक हिंसा की घटनाओं का तथ्यात्मक विवरण दिया गया है जिसमें हिंसा का शिकार सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, आम नागरिकों एवं एक पत्रकार का विवरण भी शामिल है। विमोचन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता, गौतम लाहिड़ी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे। कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रो. सौगत राय को आमंत्रित किया गया था लेकिन वह किसी कारण से नहीं आ सके।
 
एनयूजेआई के महासचिव मनोज वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने संचालन किया। घोष ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में राजनीतिक परिवर्तन ही नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी कहा करतीं थीं कि वह दार्जिलिंग को स्विट्जरलैंड, दीघा को गोवा और कोलकाता को लंदन बना देंगी। लेकिन आज हालत यह है कि उन्होंने बंगाल को अफगानिस्तान बना दिया है।
 
उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म कलाकार, डॉक्टर, वकील, पत्रकार सभी राज्य की सत्ता से भयभीत हैं और उससे घृणा करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि देश के अनेक राज्यों में राजनीतिक हिंसा का इतिहास रहा है। यह हिंसा चुनावों के लिये होती रही है। मगर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विचारधारा के लिए हत्याएं हो रहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक जातपात नहीं है लेकिन राजनीतिक दलों से प्रतिबद्धताओं के हिसाब से समाज में भी ध्रुवीकरण हो गया है।
 
विरोधी विचारधारा की हत्या एवं उत्पीड़न जायज ठहराया जाता है। उन्होंने कहा कि वामपंथी शासन में शुरू हुई इस बुराई के खिलाफ जीत कर सत्ता में आयीं सुश्री बनर्जी भी इसी राह में चलने लगीं हैं। घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बदलाव की हवा पंचायत चुनावों के बाद तेजी से बदली जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 34 प्रतिशत स्थानों पर भाजपा के कार्यकर्ताओं को नामांकन तक दाखिल नहीं करने दिया। राज्य में 2100 पंचायत प्रतिनिधियों के घर तोड़ दिये गये और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया गया।
 
वहां आज भी हिंसा का नंगनाच जारी है। इसी की नाराजगी लोकसभा चुनाव में दिखी और भाजपा का वोट 10 प्रतिशत से बढ़कर 40.25 प्रतिशत हो गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर बनाने का विरोध बंगलादेश से घुसपैठ करके आये लोग ही कर रहे हैं। सीमा पर रोजाना हजारों की संख्या में गोवंश की तस्करी एवं घुसपैठ हो रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बंगाल कभी भी लाल सलाम की धरती नहीं रही। इस धरती ने तीन देशों के राष्ट्रगान दिये हैं। भारत का राष्ट्रीय गीत दिया है।
 
यह वंदे मातरम की भूमि है और अब जयश्रीराम की जमीन बनेगी। वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता ने कहा कि देश में फासीवाद का कोई खतरा है तो पश्चिम बंगाल में है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि बंगाल में अधिकांश मीडिया बिना कहे ही सरकार के आगे समर्पण कर गया है और सत्तारूढ़ दल की गलतियों को छापा नहीं जा रहा है। सुश्री बनर्जी का भतीजा मानो नवाब सिराजुद्दौला बन गया है। 
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