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खेल संघ, स्कूल-कॉलेज, धर्मशालाएं आयीं आरटीआई के दायरे में

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 12 2019 12:24AM | Updated Date: Jul 12 2019 12:24AM
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हिसार। हरियाणा के तमाम खेल संघ, निजी स्कूल-कॉलेज, धर्मशालाएं आदि जो हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ़ सोसायटीस एक्ट 2012 के तहत पंजीकृत हैं, को सूचना अधिकार (आरटीआई) के प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य होगा। संस्था की कोई भी जानकारी विद्यार्थी, खिलाड़ी, अभिभावक या कोई अन्य कभी भी एक आवेदन के साथ 10 रुपए फीस जमा कराकर संस्था के प्रधान या सचिव से सूचना मांग सकते हैं। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से मान्यता प्राप्त हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) एवं भारतीय शतरंज संघ (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप ने आज बताया कि इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का एक आदेश आया है जिसकी प्रति ऐसोसिशन को भी मिली है।
 
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस संबंध में एक फैसला दो मई को दिया था और हरियाणा सरकार को दो महीने के भीतर इसे अमल में लाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। अदालत का आदेश सरस्वती वेल्फेयर एसोसिएशन, गुरूग्राम बनाम प्रदीप कुमार रापड़यिा एवं अन्य के प्रकरण में आया है। याचिकाकर्ता (एसोसिएशन) ने याचिका में हरियाणा सूचना आयोग के इसी साल 22 जनवरी को दिये एक फैसले को इस आधार पर चुनौती दी थी कि आयोग ने प्रकरण में 2012 अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी संस्थाओं को सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों की अनुपालना के निर्देश दिये थे। यह आदेश याचिकाकर्ता एसोसिएशन पर लागू नहीं हो सकता क्योंकि वह उक्त प्रकरण में पक्ष भी नहीं थी। अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी और आयोग के 22 जनवरी के आदेश को यह कहते हुए सही करार दिया कि सूचना अधिकार अधिनियम 2012 अधिनयम पर लागू होता है
 
अर्थात उक्त अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी संस्थाओं को सूचना अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना होगा। सूचना आयोग के 22 जनवरी को सुनाये फैसले के अनुसार अब 2012 अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी संस्थाओं को अपनी संस्था में सूचना अधिकारी, प्रथम अपीलय प्राधिकारी की नियुक्ति करनी होगी तथा सूचना अधिकार के तहत जानकारी मुहैया कराने के लिए यदि संस्था ने कोई शुल्क तय नहीं किया है तो हरियाणा सूचना अधिकार नियमों के अनुसार निर्धारित फीस पर अमल करना होगा। कुलदीप ने कहा कि उच्च न्यायालय का यह फैसला संस्थाओं के कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही लायेगा और वह इसका स्वागत करते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 से ज्यादा मान्यता प्राप्त राज्य खेल संघों के अलावा सैकड़ों गैर मान्यता प्राप्त खेल संघ हैं। 
 
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