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खट्टर सरकार खेल व खिलाड़ि‍यों को बर्बाद करने पर तुली : दुष्यंत चौटाला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 26 2019 6:35PM | Updated Date: Jun 26 2019 6:47PM
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हिसार। जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेता दुष्यंत चौटाला ने जूनियर प्रतियोगिताओं के लिए हरियाणा सरकार की खेल नीति पर कड़ा ऐतराज जताते हुए आज आरोप लगाया मनोहर लाल खट्टर सरकार प्रदेश खेल व खिलाड़यिों को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुली हुई है  जजपा नेता ने आज पार्टी के खेल प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष व द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता महावीर फोगाट, कोच, खिलाड़यिों के साथ प्रदेश की खेल नीति पर मंथन करने के बाद कहा कि जूनियर प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़यिों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि पर रोक लगाने के फैसले को खेलों के भविष्य बर्बाद करने वाला कदम बताया।
 
उन्होंने  कहा कि सरकार ने शिक्षण संस्थाओं में दाखिले के लिए खिलाड़यिों को दी जा रही अंकों में छूट को वापस ली है और यह भी खेलों के लिए घातक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से न केवल प्रदेश में खेल नर्सरियों में तैयार हो रही खिलाड़यिों की पौध रुक जाएगी बल्कि इसका सीधा असर पर हरियाणा के खिलाड़यिों के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन व उनकी भागीदारी पर पड़ना तय है। हिसार से पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि पिछले पांच वर्षों में खट्टर सरकार ने जो रवैया खिलाड़यिों के प्रति अपनाया हुआ है, उससे तो यही प्रतीत होता है कि न तो प्रदेश सरकार नाम कमाने वाले खिलाड़यिों को पुरस्कृत कर इनकी हौसला अफजाई में न तो कोई रूचि रखती है और न ही उन्हें सुविधाएं देने में।
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश के जूनियर, सब जूनियर व विभिन्न खेल संघों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़यिों को सीनियर प्रतियोगिता के पदक विजेताओं के बराबर ही लाखों रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान था। इसी प्रकार स्कूल व कालेज स्तर की प्रतियोगिताओं में भी नकद राशि देने का प्रावधान था परन्तु प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने उपरोक्त सभी प्रतियोगिताओं में लागू इस नीति को वापस ले लिया। जिसका सीधा असर प्रदेश के उभरते हजारों जूनियर खिलाड़यिों पर पड़ा है।
 
चौटाला ने कहा कि हरियाणा में सैंकड़ों ऐसी खेल प्रतिभाएं हैं जो सरकार और विभिन्न संस्थाओं से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के सहारे ही खेल जगत में आगे बढ़ती हैं। जूनियर प्रतियोगिताओं की प्रोत्साहन राशि पर ब्रेक लगाने से आर्थिक संसाधनों के अभाव में हरियाणा के अनेकों प्रतिभावान खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता है कि राष्ट्रमंडल जैसी बड़ी अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश में पदक दिलवाने में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले हरियाणा की है। 
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