बीकानेर। पद्मश्री भजन गायक अनूप जलोटा ने कहा कि वर्तमान दौर में भजनों में फूहड़ता आ गई है, इसलिए लोग आध्यात्मिक भजनों को अधिक समय तक नहीं सुनते हैं। भजनों की प्रस्तुति देने एक कार्यक्रम के सिलसिले में बीकानेर आए जलोटा ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने तीन दशक पहले 'ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन,' 'मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो' गाया था जो आज भी लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। लेकिन दु:ख होता है कि आज के दौर में भजनों में फूहड़ता आ गई है। उन्होंने नए गायकों को संदेश देते हुए कहा कि भजनों में मौलिकता, भाव शामिल करें तो श्रोता लम्बे समय तक उन भजनों को सुनेंगे।
जलोटा ने बताया कि सामान्य तौर पर श्रीमद् भागवत कथा को हिन्दी व संस्कृत में पढने या सुनने का मौका मिलता है। लेकिन अब भागवत कथा को उर्दू शेयरों के माध्यम से भी सुना जा सकेगा। जलोटा ने कहा कि उन्होंने इसकी रिकॉर्डिंग कर ली है और जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका विमोचन करेंगे। उन्होंने कहा कि ये एक नवाचार है जो अन्य भजनों की तरह आमजन को पसंद आएगा। गजलों के नहीं गाए जाने के सवाल पर जलोटा ने कहा कि गजलों में उर्दू शब्द काफी अधिक होते हैं जो बहुत से लोगों को समझ ही नहीं आते हैं, जबकि भजनों में हिन्दी शब्द ही होते हैं और लोग उन्हें ज्यादा पसन्द करते है, इसीलिए वे भजन गाना ज्यादा उचित समझते हैं।