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दुमका में दो दशक बाद ‘कमल’ खिलाने में सफल हुए सुनील

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 25 2019 9:39PM | Updated Date: May 25 2019 9:39PM
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दुमका। झारखंड के हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार दुमका लोकसभा क्षेत्र में दो दशक बाद भारतीय जनता पार्टी  का कमल खिलाने वाले सुनील सोरेन ने पैसे के अभाव में स्रातक की पढ़ाई भी पूरी नहीं की हैं। दुमका जिले के जामा प्रखंड क्षेत्र के छोटे से गांव तरबंधा में सुफल सोरेन के घर साल 1972 में पैदा हुए सुनील सोरेन 1992 में इंटरमीडियेट की परीक्षा में उर्तीण होने के बाद पैसे के अभाव में राजनीतिशास्त्र में स्रातक की डिग्री लेने का सपना छोड़ कर नौकरी की तलाश में निकल पड़े थे। नौकरी नहीं मिली तो सुनील सोरेन सामाजिक कार्यो में जुट गये और लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए 1995 में जामा विधानसभा क्षेत्र में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के बड़े पुत्र दुर्गा सोरेन चुनाव मैदान में उतरे तो उनकी जीत के लिए पार्टी में शामिल हो गये।
 
विधानसभा चुनाव 1995 में दुर्गा सोरेन विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद झामुमो ने उन्हें प्रखंड क्षेत्र में पार्टी को मजबूत बनाने का भार सौंप दिया। सुनील की कार्यशैली को देख दुर्गा सोरेन ने अपने कोरग्रुप में शामिल कर लिया। झामुमो के दुर्गा सोरेन साल 2000 में भी सुनील सोरेन जैसे कार्यकर्ताओं की बदलौत पुन: जीत हासिल की। लेकिन साल 2002 में दुमका लोकसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव में जामा विधानसभा क्षेत्र में झामुमो का बेहतर प्रदर्शन नहीं होने पर दुर्गा सोरेन ने सुनील के अलावा कई अन्य कार्यकर्ताओं की गतिविधियों को पार्टी विरोधी मानते हुए सभी से नाराज हो गये।
 
 
 
 
 
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