श्रीलंका। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने बुधवार को कहा कि उनका प्रशासन जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन हटाना चाहता है लेकिन राज्य में विधानसभा चुनाव कराये जाने का अंतिम निर्णय चुनाव आयोग का ही होगा। मलिक ने यहां जहांगीर चौक रामबाग फ्लाईओवर के दूसरे चरण का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से कहा कि चुनाव कराने का अंतिम फैसला चुनाव आयोग ही लेगा। इस सवाल पर कि कुछ राजनेताओं का आरोप है कि उनके प्रशासन के कुछ अधिकारी राज्य की निर्वाचित सरकार को सत्ता हस्तांतरण के पक्ष में नहीं है, उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में ऐसी कोई बात नहीं आई है और उनकी सरकार राज्य में जल्द से जल्द एक निर्वाचित सरकार के पक्ष में है। उन्होंने ईवीएम में छेड़छाड़ संबंधी आरोपों और एक्जिट पोल के नतीजों के बारे में कोई भी जवाब नहीं दिया।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 19 जून 2018 को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार उस समय अल्पमत में आ गयी थी जब भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद इस सरकार को निलंबित कर दिया गया था ताकि राज्य में पार्टियों को सरकार बनाने का मौका मिल सके। इसके बाद राज्य में काफी राजनीतिक नाटक हुआ और कईं राजनीतिक दलों ने सरकार बनाने के अपने अपने दावे किए लेकिन राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के लिए राज्यपाल ने आखिरकार विधानसभा भंग कर दी थी। राज्य में छह माह की अवधि के लिए राज्यपाल शासन लगाया गया था और इसके बाद 19 दिसंबर 2018 को यहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों की चुनाव कराये जाने की मांग हैं लेकिन चुनाव नहीं होने की स्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन की अवधि 19 जून को बढ़ानी होगी।