अगरतला। चुनाव आयोग ने आदिवासी सुरक्षित पूर्वी त्रिपुरा संसदीय क्षेत्र में 23 अप्रैल को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चत कराने के लिए रविवार शाम से राज्य के आठ जिलों में से छह जिलों में मतदान के अंत तक निषेधाज्ञा लागू किया। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी श्रीराम तारणिकांति ने संवादाताओं को बताया कि 11 अप्रैल को पश्चिम त्रिपुरा में पहले चरण के चुनाव के अनुभवों के आधार पर आयोग ने लोगों के सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर रोक लगायी तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के 'हेल्प डेस्क' मतदान केंद्रों से 200 मीटर की दूरी पर लगाने और उनमें केवल दो व्यक्तियों के साथ केवल एक टेबल, दो कुर्सियां, एक झंडा रखने की अनुमति दी गयी।
तारणिकांति ने कहा, ‘‘ हमें पूर्वी त्रिपुरा चुनावों के लिए त्रिपुरा पुलिस और टीएसआर के अलावा अन्य राज्यों से पर्याप्त केंद्रीय अर्धसैनिक बल और पुलिस मिली है। लगभग 85 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर विशेष रूप से सीपीएफ तैनात होंगे और बाकी बूथों पर पर्याप्त संख्या में टीएसआर और सशस्त्र पुलिस मौजूद होंगी। इसके अलावा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में एक उड़न दस्ता होगा। ’’ उन्होंने मतदाताओं और नागरिकों को सलाह दी कि वे चुनाव क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन न करें।