सिरोही। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आजादी के बाद से ही देश सेना के पराक्रम और शौर्य को सलाम करता है। गहलोत ने आज यहां जनसभा में सम्बोधित करते हुए कहा कि 1962 में चीन के साथ, 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ। तबके प्रधानमंत्री लालबहादूर शास्त्री हों या 1972 में पाकिस्तान के दो टुकड़े करवाने वाली इंदिरा गांधी, जिन्होंने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों का आत्मसमर्पण करवाया, तब देश ने सेना की बहादुरी पर गर्व किया और किसी भी प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय नहीं लिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह क्या हो रहा है। केन्द्र में मोदी सरकार सेना के पराक्रम का श्रेय लेकर इसका लाभ चुनाव में लेना चाहती है। उनके मंत्री सेना को मोदी की सेना बताते है। गहलोत ने कहा कि उन्होंने कहा कि मोदी का तरीका समझ से परे है।
उपग्रह छोड़ा गया हो तो मोदी जी ने छोड़ा, सेना ने सर्जिकल स्ट्राईक की तो इसका श्रेय लेना चाहेंगे। वह चुनाव जीतने के लिए सेना का नाम लेते हैं, यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सेनाओं का काम अलग है। उनका काम देश की रक्षा करना है। हमारी सेनाओं ने सरकार के काम में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया, यही वजह है कि हम लोग अपने वोटों से सरकार चुन पा रहे हैं। गहलोत ने कहा कि यह कांग्रेस की देन है। यह व्यवस्था 70 साल के बाद भी कायम है जबकि पाकिस्तान हमारे साथ आजाद हुआ। वहां यह व्यवस्था बार बार खत्म हुई। वहां सेना का राज होने से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जेल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली है कि कांग्रेस के कारण देश आधुनिक भारत बना। कांग्रेस के कारण ही देश एक और अखण्ड रहा। इंदिरा गांधी ने देश की अखण्डता के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी, लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया। गहलोत ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी कहते हैं कि 70 साल में देश में क्या हुआ जो कुछ हुआ वह मोदी के पांच साल में हुआ। यह उन उन मजदूरों, किसानों, इजीनियरो, डॉक्टरों की तौहीन हैं जिनकी मेहनत से आजादी के बाद से देश ने तरक्की की। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों की अच्छाई के बारे में भी तो मोदी जी को बोलना चाहिए, लेकिन वह यह बोलना नहीं चाहते।