सुरेन्द्रनगर। कांग्रेस में हाल में शामिल हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के पूर्व नेता हार्दिक पटेल को आज उनके गृह राज्य गुजरात में एक चुनावी सभा में मंच पर संबोधन के दौरान ही एक व्यक्ति ने तमाचा जड़ दिया। सफेद कुर्ता पजामा और कांग्रेस के निशान वाली पट्टी कंधे पर रख हार्दिक सुरेन्द्रनगर जिले के वढवाण तालुका के बलदाणा गांव में आयोजित कांग्रेस की जन आक्रोश रैली को संबोधित कर रहे थे। हार्दिक ने अपना संबोधन शुरू ही किया था कि दाढ़ी वाले एक व्यक्ति ने अचानक मंच पर आकर उन्हें तमाचा जड़ दिया।
वह पाटीदार आंदोलन के दौरान मारे गये 14 युवकों की हत्या के लिए हार्दिक को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस के साथ उनके जुड़ने के विरोध में चिल्लाने लगा। अचानक पड़े तमाचे से हक्का बक्का रह गये हार्दिक के समर्थकों ने उस व्यक्ति को पकड़ कर उसकी भी पिटायी कर दी और कपड़े फाड़ डाले। पुलिस ने उसे किसी तरह बचाया और अपने साथ ले गयी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है। हमलावर की पहचान महेसाणा जिले के कड़ी तालुका के जासलपुर का रहने वाला है तथा उसका नाम तरूण गज्जर है।
पुलिस ने बताया कि उसने अपने बयान में बताया है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा के चलते उसे अपनी गर्भवती पत्नी और बच्चे के इलाज में खासी परेशानी हुई थी। उनके जातिवादी रवैये के चलते 14 पाटीदार युवकों की जान उस दौरान चली गयी थी। हार्दिक हिटलर की तरह बर्ताव करते थे। उसने तभी सोचा था कि वह हार्दिक को सबक सिखायेगा। वह पाटीदार समुदाय का नहीं है। उसने बाद में अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत में भी यह बात दोहरायी।
उसने बताया कि उसे किसी ने हार्दिक पर हमले के लिए नहीं भेजा था। हार्दिक ने तमाचा पड़ने के बाद भी अपना संबोधन जारी रखा। बाद में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि यह उन्हें डराने के लिए भाजपा की साजिश है। हमलावर बाहरी है स्थानीय नहीं। भाजपा हार के डर से ऐसा कर रही है। यह पूछे जाने पर कि हमलावर ने उन पर पाटीदार आंदोलन के दौरान मारे गये 14 युवकों के शव पर राजनीति करने का आरोप लगाया, हार्दिक ने कहा कि हमलावार की बात को वह नहीं सुन पाये। पर अगर उसे कोई नाराजगी भी थी तो वह बात कर सकता था सीधे आतंकी की तरह मारना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह पुलिस को इस बारे में इसलिए औपचारिक सूचना देंगे ताकि भविष्य में उनकी हत्या या गंभीर हमले होने पर इसकी जिम्मेदारी तय हो सके। हार्दिक ने वढवाण थाने में इस संबंध में मामला दर्ज कराया। उन्होंने हालांकि राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा की पेशकश ठुकरा दी। उन्होंने कहा कि ये सुरक्षाकर्मी केवल सरकार की ओर से जासूसी ही करेंगे। उन्होने कहा कि 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें केंद्रीय सुरक्षा मिली थी पर तब भी वह यह नहीं चाहते थे।
उन्होंने हालांकि बाद में यह दावा किया हमला करने वाला युवक भाजपा से जुड़ा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शैलेश परमार ने इसे भाजपा का षडयंत्र करार देते हुए कहा कि गुजरात में हार्दिक की सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ से सत्तारूढ़ दल घबरा गया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोषी ने इस पूरी घटना की जांच कराने की भी मांग की। उधर, भाजपा ने इस घटना की निदा की है और कहा है कि राजनीति में ऐसी चीजों का स्थान नहीं है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने भी इस घटना की निदा की। रूपाणी ने कहा कि भाजपा का इस घटना से कोई लेना देना नहीं। हार्दिक भाजपा के विरोध में पहले अनगिनत सभाएं कर चुके हैं पर ऐसा कभी नहीं हुआ। यह निजी शत्रुता या परिणाम है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वह इस घटना की निदा करते हैं। पार्टी के नेता राजू ध्रुव ने राजकोट में कहा कि पाटीदार समाज में उनके प्रति नाराजगी हो सकती है पर इस तरह के विरोध प्रदर्शन और निम्न स्तर की राजनीति का पार्टी समर्थन नहीं करती।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अपना हार सामने देख कर कांग्रेस भाजपा पर कोई भी आरोप लगा सकती है। कांग्रेस से हाल में त्यागपत्र देने वाले विधायक अल्पेश ठाकोर ने भी इस घटना को अनुचित बताया पर कहा कि पाटीदार आंदोलन के दौरान 14 लोगों की जान जाने, सैकड़ों सरकारी बसें और अन्य वाहन जलाये जाने तथा सरकारी संपत्ति के नुकसान के चलते लोगों में नाराजगी भी है। उधर पाटीदारों के संगठन एसपीजी ग्रुप के प्रमुख लालजी पटेल ने कहा कि जब तक हार्दिक गैर राजनीतिक पाटीदार आंदोलन में थे किसी ने उन पर हाथ उठाने की हिम्मत नहीं दिखायी पर राजनीतिक दल से जुड़ने के बाद विरोध होना भी अस्वाभाविक नहीं है।