कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पैठ मजबूत करने के प्रयास में जुटी भारतीय जनता पार्टी को भाटपारा से तृणमूल कांग्रेस के विधायक अर्जुन सिंह के पार्टी में शामिल होने से आम चुनाव से पहले राज्य में नई संजीवनी मिली है। पश्चिम बंगाल की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले और 18 वर्ष से विधायक सिंह के अपने गढ़ बैरकपुर संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर आम चुनाव में उतरने की उम्मीद है । सिंह के भाजपा का दामन थामने को तृणमूल के लिए राजनीतिक गलियारों में आम चुनाव से पहले बड़े झटके रुप में देखा जा रहा है। वर्ष 2001 से विधायक सिंह की पार्टी में हिंदी भाषी नेता के रुप में पहचान थी। उनकी बैरकपुर क्षेत्र में खासी पकड़ बताई जाती है।
सिंह का नाम आम चुनाव में बैरकपुर से तृणमूल उम्मीदवार के रुप में सबसे आगे चल रहा था किंतु पार्टी प्रमुख मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिनेश त्रिवेदी पर भरोसा जताया। भाजपा में शामिल होने के बाद सिंह ने कहा ‘‘मैं वास्तव में अर्जुन की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं और मुकुल दा (तृणमूल के पूर्व सांसद) मेरे सारथी के रुप में साथ रहेंगे।’’ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से काफी सीटें जीतने के लक्ष्य के लिए पार्टी‘‘ चोगा और खंजर नीति’’ के तहत तृणमूल के बड़े नेताओं को अपनी तरफ खींचने में जुटी हुई है।
सिंह के भाजपा का दामन थामने से पहले तृणमूल के दो सांसदों बिशनपुर से सौमित्र खान और बोलपुर से अनुपम हजारा भी सुश्री बनर्जी से अलग होकर भाजपा की सेवा में जुट गए हैं। कांग्रेस के बागदा से विधायक दुलाल चंद्र बार और हबीबपुर से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक खागेन मुर्मु ने भी आम चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया है। इन पांच नेताओं के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के कई नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
सोलहवीं लोकसभा में भाजपा के पश्चिम बंगाल से दो सांसद एस एस अहलूवालिया(दार्जिलिेग) और बाबुल सुप्रियो(आसनसोल) हैं। दोनों मोदी सरकार में मंत्री हैं। भाजपा और दलों के बड़े चेहरों को साथ में लाकर सुश्री बनर्जी की पकड़ को ढीली करने के प्रयास में राज्य से अपने सांसदों की संख्या बढ़ाने में जुटी हुई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आसनसोल और दार्जिंिलग की सीटों पर मौजूद सांसदों का फिर से चुना जाना मुश्किल नजर आ रहा है।
भाजपा ने आम चुनाव में अपनी कुल सीटों की संख्या में इजाफा करने के लिए पश्चिम बंगाल को प्राथमिकता वाले राज्यों की सूची में रखा है। शाह का राज्य की 42 सीटों में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य है। हालांकि भाजपा नेताओं का दावा है कि उनके सांसदों की संख्या दो से बढ़कर 10 तक पहुंच सकती है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पुरुलिया, बांकुरा, वर्धमान पूर्व, मेदिनीपुर , झारगाम , बारासत , हावड़ा , हुगली के साथ साथ कोलकता उत्तर जैसी शहरी सीटों पर भी नजर है।