नई दिल्ली। रेलवे ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अपने खिलाड़यिों को बुधवार रात एक सम्मान समारोह में 25-25 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले रेलवे के खिलाड़ियों को 25-25 लाख, रजत विजेता को 20 लाख और कांस्य पदक विजेताओं को 15-15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर केन्द्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर भी मौजूद थे।
आॅस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के 226 सदस्यीय दल में 48 रेलवे के खिलाड़ी थे। भारत ने इन खेलों में 26 स्वर्ण , 20 रजत और 20 कांस्य सहित कुल 66 पदक जीतकर अपना तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। रेलवे के खिलाड़यिों ने इनमें से 10 स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक जीते।
सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों में स्वर्ण विजेता पहलवान सुशील कुमार, बजरंग, विनेश फोगाट, राहुल अवारे, सुमित, भारोत्तोलक सतीश शिवालिंगम, पूनम यादव, संजीता चानू, मीराबाई चानू, रेगाला वेंकट राहुल, रजत विजेता भारोत्तोलक प्रदीप सिंह, कांस्य विजेता साक्षी मलिक, किरण, नवजीत कौर और मनोज कुमार शामिल थे।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने खिलाडियों को सम्मानित करते हुए कहा, जिन खिलाड़ियों ने खेलों में पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया है, उन सभी खिलाड़ियों को मैं शुभकामनाएं और बधाई देता हूं और साथ ही उन सभी खिलाड़ियों को भी जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलो में भाग लिया।
गोयल ने कहा, राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के पीछे जिन लोगों ने अपना समय और शक्ति लगाई है, उन सभी को मैं तहेदिल से धन्यवाद और आभार व्यक्त करता हूं। रेलवे के लिए यह गर्व की बात है कि 21 पद्मश्री विजेता रेलवे से हैं। मुझे गर्व है कि इतनी कम आयु में भी आपने इतना बड़ा कार्य कर देश का नाम रोशन किया।
रेल मंत्री ने साथ ही कहा, हम खिलाड़ियों के लिए प्रमोशन निति में बदलाव लाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। अगली 26 मई को हमारी सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं और 26 मई को हम अपनी नयी प्रमोशन निति की घोषणा कर देंगे। मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि नयी प्रमोशन नीति में कोई कोटा नहीं रख जाएगा।
उन्होंने अन्य परियोजनाओं के लिए कहा, कोल इंडिया और झारखंड सरकार साथ मिलकर खेलों को प्रमोट करने के लिये एक यूनिवर्सिटी बनाएंगे, जिसमे आदिवासी बालकों को कम आयु में ही सलेक्ट कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। खेलों पर देश में भी जागृति आयी है, यह एक करियर का विकल्प बन गया है, और हमारी महिला खिलाड़ियों ने इसको सत्य कर के दिखाया है। हमें अभी से अगले ओलंपिक खेलों के लिये योजनाबद्ध तरीके से तैयारी शुरु करनी चाहिये, इसमें किसी भी प्रकार की यदि बाधा आती है तो उसको दूर करने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
खेल मंत्री राठौर ने इस अवसर पर कहा, देश में खेलों को बढ़ावा देने में रेलवे और फौज ने विशेष रूप से काम किया है। यदि रेलवे एक राष्ट्र होता तो वह राष्ट्रमंडल खेलों की पदक तालिका में आठवें स्थान पर होता। खेलों को रेलवे स्पोर्ट्स बोर्ड का समर्थन अतुलनीय है। हम रेलवे से आग्रह करना चाहते हैं कि यदि हम रेलवे से जरूरत पड़ने पर कोच मांगे तो वह हमें दें ताकि खेलों में बेहतरी के लिए उनका इस्तेमाल हो सके।