नई दिल्ली। दो बार भारत के लिए ओलिंपिक मेडल जीत चुके रेसलर सुशील कुमार के संन्यास की चचार्एं की जा रही हैं वहीं सुशील ओलिंपिक में मेडल की हैट्रिक लगाने यानी तीसरा मेडल जीतने का सपना संजोए बैठे हैं। सुशील को लगता है कि उनका यह सपना पूरा करने के अभियान का आगाज आगामी कॉमनवेल्थ खेलों में मेडल जीत के साथ ही होगा।कॉमनवेल्थ खेलों में पिछले दो बार के चैंपियन 34 बरस के सुशील का मानना है कि इन खेलों से उनका करियर और लंबा होगा।
ओलिंपिक रजत और कांस्य पदक विजेता 66 किलो फ्रीस्टाइल पहलवान को उम्मीद है कि इन खेलों से उन्हें पता चल जाएगा कि इटरनेशनल स्तर पर वह कहां ठहरते हैं । उन्होंने पीटीआआई से बातचीत में कहा,मैंने जब से कुश्ती खेलना शुरू किया, तभी से मेरा लक्ष्य देश के लिए पदक जीतने का रहा है।
मैंने मैट पर हमेशा अपना शत प्रतिशत दिया है। मैं लोगों की मानसिकता नहीं बदल सकता। मुझे किसी को कुछ साबित नहीं करना है।सुशील ने कहा, मैंने दो ओलिंपिक पदक जीते हैं। मुझे किसी को कुछ साबित नहीं करना है लेकिन मेरा एक अधूरा सपना है। मैं 2012 में उसे पूरा करने के करीब पहुंचा ( लंदन ओलंपिक में जब उन्होंने रजत पदक जीता)। मेरा मानना है कि मुझे ओलिंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है ।