लंदन। कभी-कभी शानदार कहानी का अंत इतना लाजवाब नहीं होता. उसेन बोल्ट के बारे में हम यही कहा जा सकता है। लंदन में हो रही विश्व चैंपियनशिप उसेन बोल्ट के करियर की आखिरी स्पर्धा थी। 100 मीटर रेस में उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। कल देर रात वे आखिरी बार ट्रैक पर जब 4x100 मीटर रिले रेस दौडने के लिए उतरे तो वे चोट की वजह से रेस पूरी ही नहीं कर पाए।
अपनी टीम जमैका के लिए बोल्ट आखिरी धावक थे. वे अभी अपनी 100 मीटर की रेस आधी ही पूरी कर पाए थे कि उनकी मांसपेशियों में ख़िंचाव आ गया। वे अपनी रेस पूरी ही नहीं कर पाए और ट्रेक पर ही गिर गए। मैदान पर करीब 60,000 लोग बोल्ट की आखिरी जीत देखने आए थे। पर उन्हें मायूसी हुई। बोल्ट का करियर अब खत्म हो गया है। उनके पास 14 विश्व मेडल हैं और 8 ओलिंपिक गोल्ड मेडल हैं। 100 मीटर औ 200 मीटर का विश्व रिकॉर्ड भी फिलहाल उन्हीं के नाम है।
'बिजली' की गति वाले अब तक धरती के सबसे तेज धावक उसेन बोल्ट ने भले ही संन्यास लेकर अपने करियर पर विराम लगा दिया है लेकिन वह इस दौर के सबसे महान एथलीट रहे है। अपनी अंतिम 100 मीटर की रेस में में भले ही उन्हें प्रतिद्वंद्वी जस्टिन गैटलिन के हाथों उनको उलटफेर का सामना करना पड़ा हो लेकिन बोल्ट के स्वर्णिम करियर की चमक आने वाले एथलीटों के लिए एक मिसाल होगी। बोल्ट ने भले ही एथलेटिक्स की दुनिया में नाम कमाया लेकिन उनके शब्दों में यदि कहा जाए तो क्रिकेट उनका पहला प्यार था। यानी पहले वह क्रिकेटर ही बनना चाहते थे।