20 Apr 2024, 17:10:28 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

उसैन बोल्ट को अपनी क्षमताओं के बारे में पता नहीं था, शायद इसीलिए उन्होंने 2004 के एथेंस ओलिंपिक खेलों की 4 गुणा 100 मीटर दौड़ प्रतिस्पर्धा में ही भाग लिया। वे तो क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन कुछ पारखियों की नजर उनपर पड़ी, तो बोल्ट ने खुद में निहित संभावनाओं पर काम करते हुए 100, 200 और 100 गुणा गुणा 400 मीटर दौड़ में ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए, जिन्हें तोड़ पाना आने वाली पीढ़ी के लिए कठिन होगा। बोल्ट की उम्र 30 वर्ष है और इतने ही वर्ष जोड़कर दुनिया के हर व्यक्ति को किसी भी काम से रिटायर होने में लग जाते हैं। बहरहाल, बोल्ट 30 की उम्र में रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने खेलों की दुनिया में जो कारनामा किया है, वह तब तक याद किया जाएगा, जब तक धरती पर मनुष्य का अस्तित्व रहेगा। 
 
दुनिया में बहुत से लोग हैं, जिनका नाम वेस्ले है। जेनिफर नाम की महिलाओं की संख्या भी बहुत हैं। यदि खेलों की दुनिया में वेस्ले नाम पर विचार किया जाए, तो सबसे पहले वेस्ले हॉल का नाम आता है, जो वेस्टइंडीज के टेस्ट क्रिकेटर थे और पूरी दुनिया में अपनी आग बरसाती गेंदों के लिए जाने गए। जेनिफर कैप्रियाती ने लॉन टेनिस में अपने खेल के बजाय, खूबसूरती से नाम कमाया। तभी तो भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर रवि शास्त्री ने उस अर्जेन्टीनी लड़की से शादी की इच्छा जता दी थी। हालांकि कैप्रियाती ने कह दिया था -कौन रवि..., कौन शास्त्री...। उसके बाद रवि शास्त्री ने जेनिफर का नाम नहीं लिया। खेलों की दुनिया में प्रशंसकों को माइक टायसन से लेकर माइकल फेलप्स..., टाइगर वुड्स से लेकर माइकल जॉनसन और डिएगो मेराडोना से लेकर क्रिस्टियानो रोनॉल्डो के माता पिता का नाम मालूम नहीं है। चूंकि महाराष्ट्रीयन लोग दक्षिण भारतीयों की तरह अपने पिता का नाम भी अपने नाम के साथ लिखते हैं, इसलिए महान सचिन तेंदुलकर के पिता प्रोफेसर रमेश का नाम भी पहचान का मोहताज नहीं है, जैसा कि सुनील मनोहर गावस्कर या दिलीप बलवंत वेंगसरकर का। सचिन की मां रजनी तेंदुलकर हैं, यह बात पूरी दुनिया जानती है। आखिर इस मां का नाम जानना बनता है, क्योंकि उसने धरती पर एक ऐसे लाल को जन्म दिया था, जिसने लकड़ी के एक टुकड़े से उस खेल में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए, जिसमें गली या मोहल्ला क्रिकेट में शतक कभी कभार बनता है। क्रिकेट के मामले में कैरेबियन द्वीप समूह आज भी समूह है। 
 
अन्यथा एथलेटिक्स, बास्केटबॉल और फुटबॉल जैसे खेलों ने उसे अलग थलग कर रखा है। हालांकि कैरिब्स क्रिकेट इतिहास को अब बहुत ठेस पहुंचती है, क्योंकि बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच झगड़ों ने सबकुछ कंगाल सा कर दिया है, तभी तो क्रिस गेल जैसे खिलाड़ी कैरिब्स क्रिकेट की ड्यूडी निभाने के बजाय, खुद को दुनिया की तमाम टी -20 लीग में बेचते फिरते हैं। इस महामानव ने किंग्सटन (जमैका) का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है, क्योंकि वे क्रिकेट के अति लुघ रूप के मोस्टवांडेट हैं। जमैका के ट्रीलेवने पेरिश टाउन के पास दो गांव जुड़े हैं -शेरवुड और कॉन्टेंट। इस गांव को पूरी दुनिया इसलिए जानती है, क्योंकि यह उसैन बोल्ट का गांव है। वो इंसान जो आज भी धरती पर सबसे तेज दौड़ लगाता है। ब्लैक गोल्ड यानी उसैन बोल्ट ने जब एथलेटिक्स की दुनिया में कदम रखा, तो 100 मीटर फर्राटा दौड़ को 9.77 सेकंड में पूरी करना सर्वश्रेष्ठ समय पर ठहर गया था। अमेरिका के जस्टिन गेटलिन एक बार यह समय ले चुके थे, जबकि बोल्ट के हमवतन असाफा पॉवेल ने तीन बार इस समय में दूरी तय कर और सुधार करते हुए 9.74 सेकंड का समय स्थापित कर दिया था, जिसे पार पाने के लिए शायद किसी अवतार को ही दौड़ने की जरूरत थी। उसैन सेंट लियो बोल्ट..., उसैन सीडी, ओजे, लाइटनिंग नाम से पुकारे जाने वाले बोल्ट ने साल 2008 में 31 मई को इस समय को लांघते हुए 9.72 सेकंड स्थापित कर दिया, जिसे उन्होंने ही ढाई महीने बाद लांघते हुए 9.69 कर दिया। 
 
रिकॉर्ड और इतिहास कहता है कि इस काले चीते ने 16 अगस्त 2009 को बर्लिन में 100 मीटर फर्राटा दौड़ को 9.58 सेकंड में पूरा किया है। है न एक सपने के सच जैसा होना। क्या आप सचिन तेंदुलकर के साथ प्रोफेसर रमेश और श्रीमती रजनी का नाम अपनी स्मृतियों से भुला पाएंगे?, गर याद रहे तो उसैन वेस्ले जेनिफर बोल्ट। बोल्ट फिर कभी एथलीट ट्रैक पर दौड़ते दिखाई नहीं देंगे, क्योंकि उन्हें और कुछ साबित नहीं करना। जो साबित किया है, उसकी बराबरी करने और उसे पार करने के लिए खुद परमात्मा को धरती पर उतरना पड़ेगा। कोई शक! 

कमाल की बात है, लेकिन सही है... 
कमाल की बात है, लेकिन सही है। धरती पर पुरुषों के लिए 100 मीटर फर्राटा दौड़ का आयोजन शुरू किया गया, तो उगले 13 बरस तक समय 10.8 सेकंड पर ठहरा हुआ था। अमेरिका के लुथर कैरी 4 जुलाई 1891 को पेरिस में दौड़े और यह समय स्थापित किया। यहीं के सिसिल ली ने 25 अक्टूबर 1892 को ब्रुसेल्स में, बेल्जियम के एटीने डी रे ने 4 अगस्त 1893 को ब्रुसेल्स में, यूनाईटेड किंगडम के एल एटचेर्ली ने 13 अप्रैल 1895 को फ्रैंकफर्ट में, यूके के ही हैरी बिटन ने 28 अगस्त 1895 को इतने ही समय में दौड़ पूरी की। स्वीडन के हेरॉल्ड एंडरसन अर्बिन ने 9 अगस्त 1896 और यहीं के इसाक वेस्टरग्रीन ने 11 सितंबर 1898 को गावले में यह समय निकाला। फिर अमेरिका के फ्रैंक जार्विस ने 14 जुलाई 1900 को पेरिस में और उन्हीं के देश के वॉल्टर टेवक्सबुरे ने इसी तिथी को यह दौड़ इसी समय में पूरी की। स्वीडन के कॉर्ल जंग ने 23 सितंबर 1900 को स्टॉकहोम और इसी साल अमेरिका के वॉल्टर टेवक्सबुरे ने फिलाडेल्फिया में दौड़ पूरी की। यानी 20वीं सदी के प्रवेशी वर्ष में चार बार यह दौड़ कराई गई। 
 
नए चैम्पियनों में फ्रांस के आंद्रे पसाट ने 14 जून 1903 में बोर्डिअ‍ॅक्स, स्विट्जरलैंड के लुईस कुह्न ने इसी दिन ऑर्थस में दौड़ पूरी की। फिर 9 अगस्त 1903 को स्वीडन के एरिक फ्रिक ने अपना नाम जुड़वा लिया। स्वीडन के क्नूट लिंडबर्ग ने 26 अगस्त 1906 को गोटेनबर्ग में 10.8 सेकंड के समय में सुधार करते हुए 10.6 सेकंड का समय निकालकर नाम कमाया, लेकिन यह रिकॉर्ड पांच साल बाद टूट गया। संयोग से इस बार भी तीन एथलीटों ने चार बार संयुक्त समय 10.5 सेकंड का लिया। 9 जुलाई 1911 को जर्मनी के कार्सियसरूहे में एमिल कैटरर, यहीं के रिचर्ड राउ ने 13 अगस्त 1911 को ब्राउनंसवेग में दौड़ पूरी की। रिचर्ड राउ ने 12 मई 1912 को भी यह रिकॉर्ड बराबर किया और इसी देश के एरविन केर्न 26 जुलाई को म्यूनिख में रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले नए धावक थे। 

बेस्ट ऑफ बोल्ट...
100 मीटर...
- 2007 में 10.03 सेकंड
- 2008 में 9.69 सेकंड
- 2009 में 9.58 सेकंड
- 2010 में 9.82 सेकंड
- 2011 में 9.76 सेकंड
- 2012 में 9.63 सेकंड
- 2013 में 9.77 सेकंड
- 2014 में 9.98 सेकंड
- 2015 में 9.79 सेकंड
- 2016 में 9.80 सेकंड

ट्रिपल...ट्रिपल
उसैन बोल्ट ने तीन ओलिंपिक खेलों में ट्रिपल -ट्रिपल बनाया। यानी बीजिंग ओलिंपिक 2008 में उन्होंने 100, 200 और 100 गुणा 400 मीटर दौड़ में जमैका के लिए स्वर्ण पदक जीता। 2012 के लंदन ओलिंपिक में भी उन्होंने यह कमाल किया और 2016 के रियो डी जेनेरियो ओलिंपिक में ट्रिपल -ट्रिपल पूरा किया। धरती पर और कोई एथलीट यह कारनामा नहीं कर सका। 

अवॉर्ड्स से भरी उसैन बोल्ट की अलमारी...
- 2008, 2009, 2011, 2012, 2013, 2016 में आईएएएफ वर्ल्ड एथलीट आॅफ द ईयर चुने गए। 
- 2008, 2009 ट्रैक एंड फील्ड एथलीट आॅफ द ईयर।
- 2009, 2010, 2013, 2017 में लॉउरेस वर्ल्ड स्पोटर््समैन आॅफ द ईयर। 
- 2008, 2009, 2012 बीबीसी ओवरसीज स्पोर्ट्स पर्सनॉलिटी आॅफ द ईयर। 
- 2008, 2009, 2012, 2015 इक्यूपी चैम्पियन आॅफ चैम्पियंस। 
- 2008, 2009, 2011, 2012, 2013 में जमैका स्पोटर््समैन। 
- 2015 आईएपीएस मेल एथलीट आॅफ द ईयर अवॉर्ड। 
- 2009 मार्सा लियेंडा अवॉर्ड। 
- 2009 में 23 वर्ष की उम्र में ही द ऑर्डर ऑफ जमैका। 
 
1964 से 2017 तक 100 मीटर दौड़ 
- 9.58 सेकंड उसैन बोल्ट (जमैका) 16 अगस्त 2009 बर्लिन
- 9.69 सेकंड उसैन बोल्ट (जमैका) 16 अगस्त 2008 बीजिंग
- 9.72 सेकंड उसैन बोल्ट (जमैका) 31 मई 2008 न्यूयॉर्क 
- 10.06 सेकंड बॉब हेस (अमेरिका) 15 अक्टूबर 1964 टोकियो
- 10.03 सेकंड जिम हेंस (अमेरिका) 20 जून 1968 सेकरामेंटो
- 10.02 सेकंड चॉर्ल्स ग्रीन (अमेरिका) 13 अक्टूबर 1968 मैक्सिको सिटी
- 9.95 सेकंड जिम हिंस (अमेरिका) 14 अक्टूबर 1968 मैक्सिको सिटी
- 9.93 सेकंड केल्विन स्मिथ (अमेरिका) 3 जुलाई 1983 कोलाराडो स्प्रिंग्स
- 9.83 सेकंड बेन जॉनसन (कनाडा) 30 अगस्त 1987 रोम
 - 9.83 सेकंड कॉर्ल लेविस (अमेरिका) 30 अगस्त 1987 इटली
- 9.83 सेकंड कॉर्ल लेविस (अमेरिका) 17 अगस्त 1988 ज्यूरिख
- 9.92 सेकंड कॉर्ल लेविस (अमेरिका) 24 सितंबर 1988 सियोल
- 9.90 सेकंड लेरॉय बुरेल (अमेरिका) 14 जून 1991 न्यूयॉर्क
- 9.86 सेकंड कॉर्ल लेविस (अमेरिका) 25 अगस्त 1991 टोकियो
- 9.85 सेकंड लेरॉय बुरेल (अमेरिका) 6 जुलाई 1994 लुसाने
- 9.84 सेकंड डेनोवन बैली (कनाडा) 27 जुलाई 1996 एटलांटा
- 9.79 सेकंड मॉरिस ग्रीन (अमेरिका) 16 जून 1999 एथेंस
- 9.78 सेकंड टिम मोंटगोमरे (अमेरिका) 14 सितंबर 2002 पेरिस
- 9.77 सेकंड असाफा पॉवेल (जमैका) 14 जून 2005 एथेंस
- 9.77 सेकंड जस्टिन गेटलिन (अमेरिका) 12 मार्च 2006 दोहा
- 9.77 सेकंड असाफा पॉवेल (जमैका) 11 जून 2006 गेट्सहेड
- 9.77 सेकंड असाफा पॉवेल (जमैका) 18 अगस्त 2006 ज्यूरिख
- 9.74 सेकंड असाफा पॉवेल (जमैका) 9 सितंबर 2007 रेटी 
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