नई दिल्ली। गोला फेंक खिलाड़ी इंदरजीत सिंह के भविष्य पर फैसला नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) का डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल करेगा। पिछले साल जुलाई में डोपिंग नियमों के उल्लंघन के लिए उन्हें अस्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया गया था। इंदरजीत का 22 जून को लिया गया मूत्र का नमूना पॉजीटिव पाया गया था, जिसके बाद उन्हें रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया था कि शायद उनके नमूने के साथ छेड़छाड़ की गई हो।
2015 के एशियाई चैंपियन ने नाडा से बी नमूना भारत के बाहर किसी अन्य प्रयोगशाला में जांचने को कहा था, क्योंकि उन्हें सरकार से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला पर विश्वास नहीं था। उनकी इस मांग को खारिज कर दिया गया था, लेकिन निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए हाल में उनके बी नमूने की जांच स्वतंत्र पर्यवेक्षक की मौजूदगी में की गई और सूत्रों के अनुसार यह भी पॉजीटिव पाया गया। नाडा ने अपने मासिक 'न्यूजलेटर' में कहा कि इंदरजीत अस्थाई तौर पर निलंबित हैं और डोप नियम उल्लंघन का मामला जनवरी 2017 में डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल को भेज दिया गया था।