गुड़गांव। रियो पैरालिंपिक में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वालीं दीपा मलिक का सफर अभी थमा नहीं है। वह युवा दिव्यांगों के लिए काम करना चाहतीं हैं। उनका कहना है कि दिव्यांगों के पास शिक्षा और खेल में अवसर बराबर होने चाहिए। अगर ऐसा होता है तो दिव्यांग युवा दुनिया में देश का नाम रोशन करेंगे।
दीपा ने कहा कि जो भी दिव्यांग अपने को कमजोर समझ लेता है, कामयाबी उससे दूरी बना लेती है। दीपा ने कहा कि मैं एक ऐसी अकादमी स्थापित करना चाहती हूं, जिसमें स्कूल, खेल अभ्यास और रहने की सुविधा हो। कहीं पर भी खेलने और जाने के लिए बस की सुविधा हो। दिव्यांग लड़कियों के लिए यह बड़ी परेशानी है। देश में अभी दिव्यांग लड़कियों के लिए कोई सुविधा नहीं है।