नई दिल्ली। भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त का लंदन ओलिंपिक में जीता कांस्य पदक रजत में बदल गया, लेकिन अब वे इस पदक को नहीं लेना चाहते हैं। योगेश्वर ने मानवीय कारणों से इस पदक को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है।
उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी है। भारतीय पहलवान ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा है कि अगर हो सके तो ये पदक उन्ही के पास रहने दिया जाए। उनके परिवार के लिए भी सम्मानपूर्ण होगा। मेरे लिए मानवीय संवेदना सर्वोपरि है।
कुदुखोव का सम्मान करता हूं
एक और ट्वीट में योगेश्वर ने लिखा है कि बेसिक कुदुुखोव शानदार पहलवान थे। उनका मृत्यु के पश्चात डोप डेस्ट में फेल हो जाना दुखद है। मैं खिलाड़ी के रूप में उनका सम्मान करता हूं। चार बार के ओलिंपिक पदक विजेता बेसिक कुदुुखोव विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी द्वारा कराए गए डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे जिसके बाद उन्हें डोप का दोषी मानते हुए रजत पदक छीन लिया गया।
हालांकि 27 वर्षीय कुदुखोव की 2013 में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। योगेश्वर दत्त लंदन ओलिंपिक में फ्रीस्टाइल वर्ग में कुदुखोव से प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबल हार गए थे, लेकिन रूसी पहलवान के फाइनल में पहुंचने के बाद उन्हें रेपेचेज खेलने का मौका मिला था जिसमें उन्होंने कांस्य जीता था।
रजत पदक पाने से पहले होगा परीक्षण
योगेश्वर को लंदन ओलिंपिक 2012 के कांस्य पदक को रजत पदक में बदलने के लिए तब तक इंतजार करना पड़ेगा जब तक विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) उनके नमूने को साफ करार नहीं देती। रिपोर्ट के अनुसार योगेश्वर का कांस्य पदक रजत पदक में बदल जाएगा, क्योंकि लंदन खेलों में दूसरे स्थान पर रहे रूसी पहलवान स्वर्गीय बेसिक कुदुखोव डोप परीक्षण में नाकाम रहे हैं और उनका पदक छीन लिया गया है।
इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि योगेश्वर को पदक सौंपने से पहले उन्हें भी 2012 के अपने परीक्षण में पाक साफ उतरना होगा। अधिकारी ने कहा, योगेश्वर का भी परीक्षण किया गया था और जब उनका डोप परीक्षण साफ आ जाएगा तो उन्हें रजत पदक सौंप दिया जाएगा।