मुंबई। डोपिंग प्रकरण में फंसे पहलवान नरसिंह यादव का समर्थन जारी रखते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया कि अगर वह रियो ओलंपिक में 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में हिस्सा लेता तो रजत पदक जीत सकता था। रियो खेलों में नरसिंह से स्पर्धा से पहले खेल पंचाट ने उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया था।
यहां विश्व स्तरीय इनामी राशि प्रतियोगिता की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के इतर डब्ल्यूएफआई सचिव वीएन प्रसूद ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि नरसिंह कम से कम रजत पदक जीतता।’’ नाडा ने नरसिंह को डोपिंग के आरोपों से मुक्त करते हुए इस पहलवान के इस दावे को स्वीकार कर लिया था कि हरियाणा के सोनीपत में ट्रेनिंग के दौरान उनके खाने या पेय पदार्थ में प्रतिबंधित पदार्थ मिलाया गया जिसका उन्होंने सेवन कर लिया।
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी ने नरसिंह को मिली क्लीन चिट को रियो में उनकी स्पर्धा से एक दिन पहले खेल पंचाट में चुनौती दी। खेल पंचाट से इसके बाद नरसिंह पर चार साल का प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें ओलंपिक से बाहर कर दिया। प्रतिबंध से पहले के घटनाक्रम के बारे में पूछने पर प्रसूद ने कहा, ‘‘18 अगस्त की दोपहर को नरसिंह का मेडिकल हुआ और डेढ़ बजे उनका वजन हुआ। स्पर्धा के कार्यक्रम में उसका नाम भी था। रात को साढ़े आठ बजे खेल पंचाट ने अपना आदेश दिया।’’