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Sport

रियो ओलिंपिक में पदक नहीं लाने वाले खिलाड़ी करेंगे खदान में काम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 26 2016 12:08PM | Updated Date: Aug 26 2016 12:09PM
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प्योंगयांग। सवा करोड़ की आबादी वाले भारत में जहां दो ओलिंपिक पदक जीतने की अपार खुशी है, वहीं तानाशाह किम जोंग उन के शासन वाले उत्तर कोरिया में हालात बिल्कुल जुदा हैं। वहां उन खिलाड़ियों को सजा देने की तैयारी की जा रही हैं, जो ओलिंपिक में हिस्सा लेने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो शहर तो गए, लेकिन पदक जीतकर नहीं लाए। ढाई करोड़ के आबादी वाले देश के तानाशाह किन जोंग उन अब ऐसे खिलाड़ियों से कोयले की खदान में काम करवाना चाहते हैं।
 
जीत का जश्न नहीं मना पा रहे खिलाड़ी
उत्तर कोरियाई खिलाड़ी खौफ में हैं वो अपनी जीत का जश्न नहीं मना पा रहे क्योंकि वो जानते हैं कि तानाशाह नाराज हैं और उन्होंने जो टारगेट दिया था उसे वो पूरा नहीं कर पाए। अब देश लौटने पर उन्हें सजा मिलेगी, लेकिन ये सजा क्या होगी कोई नहीं जानता। वो जल्दी किसी पर रहम नहीं करते। सनक चढ़ने पर वो कुछ भी कर गुजरते हैं।
 
सजा-ए-मौत देना उसके लिए मजाक जैसा है। फिर चाहे वो उसका कितना भी करीबी क्यों न हो। जिन खिलाड़ियों ने पदक जीता है उन्हें अच्छे घर दिए जाएंगे और बेहतर राशन, कार तथा अन्य गिफ्ट भी दिए जाएंगे, लेकिन जो पदक नहीं ला सके हैं उनसे किम जोंग बहुत गुस्सा हैं।
 
ये हो सकती है सजा
पदक नहीं जीतने वाले खिलाड़ियों को बेकार पड़े घरों में शिफ्ट किया जा सकता है। उनके राशन में कटौती करने के साथ-साथ उन्हें काम करने के लिए दंड के तौर पर कोयले की खदानों में भेजा जा सकता है। राशन कार्ड छीनने से उनके भूखे मरने की भी नौबत आ सकती है क्योंकि उत्तर कोरिया में राशन सिर्फ सरकारी दुकानों पर मिलता है।
 
ये था जोंग का फरमान
उत्तर कोरिया के क्रूर तानाशाह किम जोंग उन की सनक के किस्से दुनिया भर में जाने जाते हैं। उन्होंने रियो गए 31 खिलाडियों को फरमान जारी किया था कि रियो से कम से कम 17 पदक लेकर आना, जिसमें पांच स्वर्ण पदक होने चाहिए। वर्ना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना। तानाशाह की चेतावनी के बाद भी उत्तर कोरिया 2 स्वर्ण , 3 रजत और 2 कांस्य पदक सहित केवल 7 ही पदक जीत सका। ओलिंपिक में गए एथलीटों को अब इस बात का डर है कि उनकी जिंदगी कहीं अब नर्क न बन जाए।
 
अधिकारी ने चेताया भी था
तानाशाह का फरमान खिलाड़ी न भूलें, इसके लिए रियो में खेल शुरू होने से पहले ही वरिष्ठ ओलिंपिक अधिकारी ने चेताया था हम इतनी दूर यहां सिर्फ पांच स्वर्ण पदक जीतने नहीं आए हैं, लेकिन तानाशाह की मांग के बावजूद, उसके खिलाड़ी दो स्वर्ण पदक समेत कुल 7 ही पदक जीत सके यानी लक्ष्य से 10 पदक कम। 
 
सेल्फी से सजा ए मौत का डर
ओलिंपिक के दौरान सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें उत्तर कोरिया की एथलीट हॉन्ग यूं जूंग और दक्षिण कोरिया की ली यू लू सेल्फी लेती नजर आ रही थीं। हॉन्ग यूं जूंग उत्तरी कोरिया की पहली महिला जिमनास्ट हैं, जिन्होंने अपने देश का नाम ऊंचा किया, लेकिन सबसे बड़े दुश्मन देश की खिलाड़ी के साथ इस सेल्फी के सामने आने के बाद से ही उत्तर कोरियाई टीम में खलबली मच गई। आशंका जताई जाने लगी कि इस तस्वीर को देख तानाशाह नाराज हो सकते हैं और मेडल जीतने वाली एथलीट की पीठ थपथपाने के बजाय उसे सजा-ए-मौत तक दे सकते हैं।
 
फुटबॉल टीम को दी थी सजा
किम जोंग इसलिए भी ज्यादा गुस्से में हैं क्योंकि उसके दुश्मन देश दक्षिण कोरिया ने ओलिंपिक में 21 पदक हासिल किए हैं। इससे पहले जोंग ने 2010 में फुटबॉल वर्ल्ड कप में पुर्तगाल की टीम से हारने पर उत्तर कोरिया के खिलाड़ियों से कोयले की खदान में मजदूरी कराई थी और फिर ठंड में तड़पने के लिए छोड़ दिया था।
 
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